कोटा। यात्रियों को बचाते समय लुटेरों के हमले में एक आरपीएफ जवान और ट्रेकमैन घायल हो गया, लेकिन तीन बाद भी मंडल मुखिया डीआरएम मनीष तिवारी को मामले की खबर ही नहीं। इसका खुलासा तब हुआ जब शनिवार को तिवारी निरीक्षण के लिए मोतीपुरा चौकी स्टेशन पहुंचे। यहां स्टेशन स्टॉफ ने तिवारी से मोतीपुरा में आरपीएफ स्टॉफ की नियुक्ति की मांग की। कारण पूछने पर स्टॉफ ने बताया कि गुरुवार को यहां पर यात्रियों को बचाते समय कुछ लुटेरों ने हमला कर आरपीएफ जवान और एक ट्रेकमैन को गंभीर रुप से घायल कर दिया। 

इस घटना की खबर सुनकर चौंके तिवारी ने मौके पर ही खड़े होकर तुरंत वरिष्ठ मंडल सुरक्षा अधिकारी नवीन को तलब किया। नवीन के पहुंचते ही तिवारी ने घटना के बारे में पूछा। नवीन के घटना के बारे में बताने पर नाराज तिवारी ने मोतीपुरा में तुरंत स्थाई रुप से हथियारबंध दो जवानों की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए। 

लेकिन इतनी बड़ी घटना जानकारी मंडल मुखिया को नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है। जब कि यह घटना तीन दिन से मीडिया की सुर्खियां बनी हुई हैं। 

जनसंपर्क विभाग की होती है जिम्मेदारी

उल्लेखनीय है कि पूरे मंडल में घटने वाली सभी महत्त्वपूर्ण घटनाओं की जानकारी प्रशासन को देना जनसंपर्क विभाग की जिम्मेदारी होती है। कोटा मंडल में जनसंपर्क विभाग के मुखिया वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक हैं। इस पद पर अभी रोहित मालवीय विराजमान हैं। इनके अधिनस्थ जनसंपर्क निरीक्षक काम करते हैं। सुचनाएं एकत्रित करने और इन्हें अधिकारियों तक पहुंचाने का काम जनसंपर्क निरीक्षक का ही होता है। 

यह था मामला

उल्लेखनीय है कि गुरुवार तड़के तीन बजे चाल लुटेरों ने कोटा-इटावा ट्रेन पर हमला कर दिया था। यात्रियों के शोर मचाने पर गश्त कर रहे आरपीएफ जवान रुप सिंह और ट्रेकमैन मनीष ने लुटेरों से मुकाबला किया। इस दौरान लुटोरों ने अपने बचाव के लिए दोनों पर गिट्टियों की बोछार कर दी। इस हमले में गिट्टी लगने से दोनों गंभीर रुप से घायल हो गए थे। जिन्हें छबड़ा अस्पताल में भर्ती करवाया था। बाद में रुप सिंह को कोटा रैफर कर दिया था। 

अन्य स्टेशनों का भी किया निरीक्षण 

मोतीपुरा के अलावा तिवारी ने बारां, छबड़ा और धरनावदा स्टेशन का भी निरीक्षण किया। बारां और छबड़ा में अमृत भारत योजना में पुनर्विकसित हो रहे स्टेशन का काम देखा, वहीं धरनावदा और मोतीपुरा में यात्री सुविधाएं और कर्मचारियों की समस्याओं का जाना। इस दौरान तिवारी ने अग्निशमन उपकरणों की भी जांच की।