राजस्थान में जल जीवन मिशन (JJM) घोटाले में धनशोधन निवारण कानून (PMLA) के तहत जांच के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोर्ट में दूसरी चार्जशीट पेश की है। इस ताजा चार्जशीट में ED ने पूर्व मंत्री महेश जोशी के करीबी प्रॉपर्टी कारोबारी संजय बड़ाया, PHED के ठेकेदार पदमचंद जैन, महेश मित्तल और एक अन्य मुकेश पाठक पर आरोप लगाए है।

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ED ने अपनी चार्जशीट में कहा कि आरोपियों के खातों में 500 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है, जबकि पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने संजय बड़ाया को 5.40 करोड़ रुपए की घूस दी है। ईडी ने इस मामले में सबसे पहले पदमचंद जैन के बेटे पीयूष जैन को गिरफ्तार किया था और पहली चार्जशीट उसके खिलाफ कोर्ट में पेश की थी।

ED की ओर से कोर्ट में पेश की गई ताजा चार्जशीट में कहा गया है कि पीएचईडी के ठेकेदार पदमचंद जैन, महेश मित्तल और पदमचंद जैन का बेटा पीयूष जैन टेंडर हासिल करने और बिल पास करने के बदले पीएचईडी अधिकारियों को रिश्वत देते थे। इसके साथ ही हरियाणा से चोरी के पाइप खरीदने और उन्हें राजस्थान में बिछाने का भी ठेकेदार पदमचंद और महेश मित्तल पर आरोप है।

ED ने अपनी जांच में पाया है कि आरोपियों से जुड़ी फर्मों के बैंक खातों में करीब 500 करोड़ रुपए PHED के जरिए जमा हुए हैं। इस रकम को ईडी ने अपराध से कमाया हुआ पैसा माना है।

ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि मुकेश पाठक इरकॉन कंपनी में स्टेनोग्राफर था। उसी ने इरकॉन के फर्जी प्रमाण पत्र बनाए, जिनका इस्तेमाल पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने टेंडर हासिल करने के लिए किया था। मुकेश पाठक को भी ईडी ने आरोपी बनाया है।