राजस्थान में झालावाड़ जिले के प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी (Otaram Dewasi) अधिकारी मीटिंग और प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठने वाले मुद्दों को लेकर कितने सजग रहते हैं? इसकी बानगी बुधवार को आयोजित जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में देखने को मिली. जब पत्रकारों ने उनसे 24 दिन पहले झालावाड़ दौरे के वक्त उठे मुद्दों पर डेवलेपमेंट के बारे में पूछा तो मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि यह बात मेरे सामने कभी आई ही नहीं. प्रभारी मंत्री ने यहां तक कहा कि यदि यह बात उनके सामने हुई होती तो उनकी डायरी में नोट होती. मंत्री का यह जवाब उन मुद्दों को लेकर था जो 14 जुलाई को उनकी प्रेस वार्ता के बाद सभी प्रमुख समाचार पत्रों की हेडलाइन बने थे. 14 जुलाई को प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी झालावाड़ दौरे पर आए थे. जहां पर उनके द्वारा मिनी सचिवालय के सभागार में एक पत्रकार वार्ता आयोजित की गई थी, जिसमें जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे. पत्रकार वार्ता में जब सवाल जवाब का सेशन शुरू हुआ तो झालावाड़ शहर में हो रहे अतिक्रमणों को हटाने में प्रशासन की नाकामी, शहर के चारों तरफ चल रहे अवैध ईंट भट्टों सहित विभिन्न मामलों को लेकर प्रभारी मंत्री को तीखे सवालों का सामना करना पड़ा था. लेकिन उन्होंने बड़े ही शांत स्वभाव से इन सभी मामलों को तुरंत दिखा कर उनके समाधान की बात कही थी, जिसके वीडियो क्लिप मीडिया में आज भी मौजूद है, अब ठीक 24 दिनों बाद प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी झालावाड़ पहुंचे, जहां उन्होंने मिनी सचिवालय के सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली. इस बैठक के बाद जब प्रभारी मंत्री मीडिया से रूबरू हुए तो कुछ सवालों का जवाब उनके द्वारा दिए गए उसके बाद जब पिछली मीटिंग के प्रमुख मुद्दों ईंट भत्तों और अतिक्रमणों पर बात आई तो प्रभारी मंत्री साफ तौर पर मुकर गए. उन्होंने कहा कि अब तक ऐसा कोई मामला उनके सामने आया ही नहीं है, यदि आया होता तो उनकी डायरी में नोट होता, तभी वह इस पर कुछ कर पाते. प्रभारी मंत्री का यह जवाब सुनकर मीडियाकर्मी अचरज में पड़ गए, जबकि यही मुद्दे 15 जुलाई के समाचार पत्र और चैनल की खबरों की हेडलाइन बने थे. इस संबंध में जब पत्रकारों द्वारा प्रभारी मंत्री से सवाल करते हुए उन्हें पूरा घटनाक्रम याद दिलवाने की कोशिश की गई तो एक सरकारी अधिकारी के बुलावे पर प्रभारी मंत्री तुरंत उठे और बिना जवाब दिए ही वहां से चले गए.