भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करने के लिए गुरुवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया गया. विधेयक का उद्देश्य राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों, वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और सर्वेक्षण तथा अतिक्रमणों को हटाने से संबंधित 'प्रभावी ढंग से मुद्दों का समाधान' करना है. वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू की ओर से गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया. पार्टी सूत्रों के अनुसार, समाजवादी पार्टी संसद में वक्फ विधेयक का विरोध करेगी. सरकार ने वक्फ संपत्ति (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली), विधेयक, 2014 को वापस लेने का फैसला किया है, जिसे फरवरी 2014 में राज्यसभा में पेश किया गया था, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार सत्ता में थी .वहीं, सरकार द्वारा बिल पेश किए जाने के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने कहा कि ये बिल अधिकारों पर चोट है।साथ ही कांग्रेस ने कहा कि यह बिल संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। बता दें कि कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी और AIMIM ने भी विधेयक का विरोध किया है। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि विपक्ष हमेशा विरोध करता है, यही उनका काम है. वे अच्छी चीजों को भी बुरा बताते हैं. पीएम ने कई अच्छी योजनाएं लाई हैं लेकिन वे कहते हैं कि ये सभी गलत हैं. मैंने भी पिछले 10 सालों से यह देखा है