राजस्थान की भजनलाल सरकार ने जूम मीटिंग एप को लेकर बड़ा निर्णय लिया है. अब राजकीय कार्यों में जूम मीटिंग एप का उपयोग नहीं होगा. इस पर रोक लगा दी गई है. प्रशासनिक सुधार व समन्वय विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय के साइबर केंद्र द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. उनके अनुसार साइबर सुरक्षा के तहत जूम मीटिंग एप को राजकीय कार्य के लिए असुरक्षित माना है. ऐसे में अब राज्य सरकार ने इसके इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगाया दिया है. आदेश में आगे कहा गया है कि प्रायः देखा गया है कि राजकीय कार्यलयों में मीटिंग के लिए जूम एप का उपयोग किया जाता है, जो केंद्रीय गृह मंत्रालय की एडवाइजरी के लिहाज से असुरक्षित है. बता दें कि कोविड-19 महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन था. उसका असर निजी और सरकार कामकाज पर भी देखने को मिला था. उसके बाद डिजिटल प्लेटफार्म से वर्क फ्रॉमहोम शुरू हुआ. ऑफिस के कर्मचारी घर से काम करने लगे तो वहीं, स्टूडेंट्स ने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए पढ़ाई की. मंत्री से लेकर अधिकारी तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक और काम की समीक्षा करने लगे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए वीडियो कॉलिंग एप जूम ZOOM का खूब इस्तेमाल भी हुआ. इस एप का लगातार उपयोग बढ़ता जा रहा है, लेकिन अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वीडियो कॉलिंग या कॉन्फ्रेंसिंग में जूम ऐप को सुरक्षित नहीं माना है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस पर एक एडवाइजरी कर कहा कि ये एप सुरक्षित नहीं है. लोग इसका सावधानी से इस्तेमाल करें. गृह मंत्रालय ने इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम के हवाले से कहा कि जूम सुरक्षित प्लेटफार्म नहीं है. ये एडवाइजरी खासकर उन लोगों के लिए जारी की गई है, जो इसका इस्तेमाल अपने पर्सनल हित के लिए करते हैं. हालांकि, गृह मंत्रालय ने यह एडवाइजरी काफी पहले ही जारी कर दी थी. अब राज्यों में इस एडवाइजरी का असर दिखने लगा है.

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