बांग्लादेश में हिंसा का दौर अभी भी जारी है। भीषण आगजनी के बीच हालात बेहद खराब हो गए हैं। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे हुए हैं। वहीं, हालात इतने बदतर हो गए है कि देश में हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है। भीड़ ने यहां के कम से कम 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमला किया और उनके कीमती सामान भी लूट लिए। वहीं, देशभर में कम से कम चार मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई है। बांग्लादेश की द डेली स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने कल शाम तेलीपारा गांव में लालमोनिरहाट पूजा उद्यापन परिषद के सचिव प्रदीप चंद्र रॉय के घर में तोड़फोड़ की और लूटपाट की। इतना ही नहीं, पूजा उद्यापन परिषद के नगर पालिका सदस्य मुहिन रॉय के स्वामित्व वाली एक कंप्यूटर की दुकान में भी तोड़फोड़ की और लूटपाट की। इसके अलावा, जिले के कालीगंज उपजिले के चंद्रपुर गांव में चार हिंदू परिवारों के घरों में लूटपाट की गई। भयावह का अंदाजा इस बात का लगा सकते हैं कि हाटीबंधा उपजिला के पुरबो सरदुबी गांव में कल रात 12 हिंदू घरों को जला दिया गया। वहीं, सदर उपजिला में कई हिंदू घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई। जब पत्रकारों ने ओइक्या परिषद के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव मोनिंद्र कुमार नाथ से बात की, तो उनका दुख छलक आया। नाथ ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे अपने समुदाय पर इस तरह के हमले देखेंगे। बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को ढाका में इंडिया कल्चर सेंटर पर हमला बोला। साथ ही काली व इस्कॉन समेत देशभर में कम से कम चार मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई है।हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के नेता काजोल देबनाथ कहते हैं कि जैसे ही देशभर में शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने की खबर फैली है, जगह- जगह हिंदू मंदिरों पर हमले होने लगे हैं। हिंदुओं सहित तमाम अल्पसंख्यक समुदाय के लोग डरे हुए हैं।