राजस्थान विधानसभा में सोमवार को स्पीकर ने लाडनूं से कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को निलंबित कर दिया. जिसके बाद विधानसभा में हंगामा मच गया है. कांग्रेस सदन में ही घरने पर उतर आई. पूरी रात उसके विधायक विधानसभा में धरने पर बैठे रहे. कांग्रेस के इस रवैये पर बीजेपी नेताओं ने कड़ी निंदा की है और इस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी है. इस सिलसिले में जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी और हवामहल सीट से विधायक बालमुकुंद आचार्य का बयान सामने आया है. कांग्रेस के सदन में धरने को लेकर भजनलाल कैबिनेट के मंत्री बाबूलाल खराड़ी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि विधानसभा जनता के मुद्दे उठाने का मंच है. वहां इस तरह का आचरण उचित नहीं है. उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि लोकतंत्र में आसन को धमकाना ठीक नहीं है, वे ज्यादातर विपक्ष का साथ देते है. विधानसभा जनता के मुद्दे उठाने का मंच है, कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है. वे सिर्फ बकवास करके माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. आसन हम सभी के लिए सर्वोपरि है, उन पर उंगली उठाना ठीक नहीं है. विधानसभा में मंत्रियों के जरिए दिए जाने वाले सवालों के जवाबों को लेकर उन्होंने कहा कि मंत्री पूरी तैयारी के साथ  जब सदन में जवाब देते हैं लेकिन जब सुनने का समय आता है तो कांग्रेस विधायक जवाब सुनना नहीं चाहते. वे सिर्फ एक-दूसरे का नंबर बढ़ाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. उधर, कांग्रेस विधायकों के विरोध को लेकर हवामहल सीट से भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य का भी बयान सामने आया है. उन्होंने भी सदन में आसन के सामने कांग्रेस के अभद्र व्यवहार की कड़ी निंदा की है. सदन में कांग्रेस विधायकों के विरोध पर उन्होंने कहा कि ये लोग बिना वजह हंगामा करने का काम करते हैं. कांग्रेस विधायक सदन में बार-बार आसन का अपमान कर रहे हैं. उनके नेता कई बार आसन के साथ अभद्र व्यवहार कर चुके हैं. उनके नेता शांति धारीवाल ने  कई बार कार्यवाही के दौरान गाली-गलौज की. कई बार इनके मंत्रियों ने आसन को धृतराष्ट्र कहा और उन पर उंगली उठाई. सदन में उनके विरोध का कोई दबाव नहीं चलेगा. आसन का अपमान बर्दाश्त नहीं है. ऐसे लोगों को निलंबित किया जाना चाहिए, हम इसके पक्ष में हैं.