बांग्लादेश इस समय हिंसा की आग में जल रहा है। आरक्षण विरोधी प्रदर्शन और हिंसक झड़पों के बीच देश में तख्तापलट हो गया। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और राजधानी ढाका से भारत आ गईं। देश की कमान फिलहाल सेना ने संभाल ली है। इस बीच, भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के समन्वयकों (कोऑर्डिनेटर) ने नोबल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को सरकार का मुख्य सलाहकार बनाने का प्रस्ताव रखा है। फेसबुक पर जारी एक वीडियो में आंदोलनकारियों के नेताओं ने मंगलवार तड़के प्रस्ताव का एलान किया। उन्होंने अंतरिम सरकार के लिए एक योजना की रूपरेखा तैयार की है, जिसमें नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को प्रमुख बनाने का प्रस्ताव रखा है। वहीं, बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमां आज स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजे प्रदर्शनकारियों के नेताओं से मिलेंगे। मोहम्मद यूनुस का जन्म 28 जून, 1940 में हुआ। वह बांग्लादेश के एक सामाजिक उद्यमी, एक बैंकर, एक अर्थशास्त्री और सामाजित नेता हैं। गरीबी उन्मूलन के विशेष प्रयासों के लिए 2006 में यूनुस को नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। गरीबी उन्मूलन की दिशा में अहम योगदान के लिए यूनुस को इस पुरस्कार से नवाजा गया था। यूनुस ने 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की थी जो गरीब लोगों को छोटे कर्ज मुहैया कराता है। बांग्लादेश को अपने ग्रामीण बैंक के माध्यम से माइक्रोक्रेडिट के लिए दुनियाभर में सराहना हासिल हुई थी। इसके कारण बांग्लादेश में बड़ी संख्या में लोग जीवनस्तर के ऊपर उठाने में सफल हए थे।