राजस्थान में विधानसभा की पांच सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए दलों की दौड़ तेज हो गई है. जिसमें प्रमुख दल दो ही दिख रहे हैं लेकिन पर्दे के पीछे कई और खिलाड़ी हैं, जो इस चुनावी खेल के प्रमुख किरदार बनते जा रहे हैं. कांग्रेस के दो सहयोगी दलों के नेता हनुमान बेनीवाल और राजकुमार रोत अभी भी अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं. हालांकि, हनुमान बेनीवाल ने कई बार यहां तक कह दिया है कि उनकी पार्टी कई सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. जबकि, कांग्रेस भी उन सभी पांचों सीटों पर तैयारी कर रही है. इसे लेकर कांग्रेस के नेता जमीन पर काम कर रहे हैं. यहां तक ब्लॉक स्तर पर लोगों को जोड़ा जा रहा है. भाजपा ने अपने संगठन में बदलाव की तैयारी कर ली है, जिसका असर भी जल्द दिखाई देगा. कुछ सीटों पर नाम भी तय हो चुके हैं जबकि कुछ सीटों पर अभी मंथन और सर्वे हो रहे हैं. बीजेपी के कई दिग्गज नेता हैं जो इस उपचुनाव में अपना खेल कर सकते हैं. कोई अपने भाई तो कोई अपने पत्नी के लिए टिकट चाह रहा है. इतना ही नहीं एक दिग्गज नेता अपनी पत्नी को दौसा से निर्दलीय मैदान में उतारना चाह रहे हैं. पहले उस नेता ने अपने भाई के लिए टिकट लेने की कोशिश की लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. लोकसभा चुनाव में भी दौसा से उस नेता ने अपने भाई को टिकट दिलाने की कोशिश की लेकिन वहां भी बीजेपी ने किसी दूसरे नेता को टिकट दे दिया था. वहीं, एक पूर्व सांसद हैं जो अपनी बेटी को टिकट दिलाना चाह रही हैं. उनका टिकट कटा था, तभी से वो परिवार से किसी न किसी को मैदान में उतारने की तैयारी में हैं. यहां पर खेला बड़ा हो सकता है. पांच सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस के दिग्गज अभी इतंजार करने की नीति को फॉलो कर रहे हैं. उनके यहां पर किसे टिकट मिलेगा यह अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि, दो सीटों पर पार्टी ने संकेत दे दिए हैं कि परिजनों को टिकट मिल सकते हैं. मगर, आलाकमान के हरी झंडी का इंतजार है.
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