चित्तौड़गढ़ के कपासन मे न्यायिक मजिस्ट्रेट के आवास पर हुई दिन दहाड़े चोरी के मामले मे पुलिस ने माल खरीददार सहीत तीन आरोपियों  को गिरफ्तार,कर लिया 20 जुलाई को कपासन में दो न्यायिक मजिस्ट्रेट के आवास पर दिन दहाड़े हुई चोरी के मामले में कपासन थाना पुलिस और साइबर सेल की टीम ने तीन और आरोपियों की गिरफ्तारी की है। चोरी के माल के खरीददार व आरोपियों को वाहन उपलब्ध कराने वाले सहीत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चोरी का शेष माल सोने चांदी के जेवरात भी बरामद कर लिए हैं। जिला पुलिस अधीक्षक श्री सुधीर जोशी ने बताया कि कपासन के दो न्यायिक मजिस्ट्रेट उदयपुर जिले के भुवाना निवासी महेन्द्र पुत्र प्रेमाराम सोलंकी एवं मध्यप्रदेश के सागर जिले के मकरोनीया मुहाल निवासी निष्ठा पाण्डेय पुत्री उमा शंकर पाण्डेय के कपासन स्थित सरकारी आवासों से 20 जुलाई को दिन दहाड़े पीछे की खिडकी एंव जाली तोड कर अज्ञात चोर अन्दर घुस कमरों का एवं आलमारीयों के ताले तोड आलमारी में रखे आभुषण, सोने चाँदी के जेवरात व किमती घड़ियां व नगदी चुराकर ले जाने की घटना का खुलासा करते हुए कपासन थाना पुलिस व साइबर सेल की टीम ने पारदी गैंग के चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चोरी का माल बरामद किया था। मामले में चोरी के शेष माल की बरामदगी करने एवं चोरी के माल को खरीदने वाले व आरोपियों को वाहन उपलब्ध कराने वाले आरोपियों की तलाश की जा रही थी। इसी क्रम में एएसपी चित्तौड़गढ़ परबत सिंह व डीएसपी कपासन अनिल सारण के सुपरविजन में थानाधिकारी कपासन रतन सिंह पुलिस निरीक्षक, लादुलाल उप निरीक्षक, एएसआई तेजमल, साईबर सैल के हैड कानि. राजकुमार, कानि. रामावतार व गणपत, कपासन थाने के कानि. वेदप्रकाश व राजेश द्वारा तकनीकी रूप से अनुसंधान करते हुए नकबजनी की वारदात करने वाले पूर्व में गिरफ्तार व पुलिस रिमांड पर चल रहे चारो आरोपियो से चोरी के माल को खरीदने वाले मध्यप्रदेश के सिहोर जिले के डोडी थाना जावर निवासी 25 वर्षीय राहुल पुत्र दयानन्द पारदी व सिहोर जिले के प्रेमालय रोड आष्टा थाना आष्टा निवासी 31 वर्षीय अंकित पुत्र राजेन्द्र सोनी को एवं चोरी के लिए गाडी उपलब्ध कराने वाले सिहोर जिले के गल चौराया आष्टा निवासी 28 वर्षीय गोलू जितेन्द्र पुत्र कैलाश चन्द्र शर्मा को कडी मेहनत से गिरफतार कर न्यायालय में पेश किया जिनसे चोरी का शेष माल सोने चांदी के जेवरात बरामद किये गये है।  उक्त पुरी वारदात को ट्रेस करने से लेकर मुल्जिमों की गिरफतारी और माल बरामदगी करने तक साईबर सैल के कानि. रामावतार व कपासन थाने के कानि. वेदप्रकाश की विशेष भुमिका रही।