राजस्थान में बिजली की स्थिति को लेकर विधानसभा में चर्चा हुई। चर्चा का प्रस्ताव ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने रखा। चर्चा में पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने एक-दूसरे पर कुप्रबंधन और बिजली कंपनियों का घाटा बढ़ाने के आरोप लगाए। विधानसभा में कांग्रेस ने पूछा कि प्रदेशभर में बिजली कटौती हो रही है। लेकिन, सीएम भजनलाल के गृह जिले में क्यों नहीं हो रही? इस पर विधानसभा में जमकर हंगामा देखने को मिला। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि भाजपा जब से सत्ता में आई है, बिजली के बुरे हालात हैं। स्थिति यह है कि गांवों में रातभर बिजली नहीं आ रही। उन्होंने कहा कि किसान और मजदूर जब काम खत्म कर घर पहुंचता है तो बिजली गुल हो जाती है। इससे जनता त्रस्त है। पहला मौका है जब सदन के चलते बीच में बिना किसी चर्चा के टैक्स लगा दिया गया। बिजली कंपनियों के घाटे को लेकर कहा कि कोई कंपनी ऐसी नहीं जो घाटे में हैं, लेकिन जनहित देखा जाता है।