आपके बच्चे को डायरिया से मुक्त रखने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर अभियान के रूप में काम हो रहा है। इसे लेकर वर्तमान में स्टॉप डायरिया अभियान संचालित किया जा रहा है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.ओ पी सामर ने बताया कि स्टॉप डायरिया अभियान की इस बार की थीम डायरिया की रोकथाम, सफाई और ओआरएस से रखें अपना ध्यान रखी गई है। उन्होंने बताया कि स्टॉप डायरिया अभियान की शुरूआत 1 जुलाई से की गई थी, जिसके तहत अब तक जिले के बच्चों को ओआरएस के पैकेट और जिंक टेबलेट वितरित की जा चुकी हैं। जिला अस्पताल से लेकर गांव स्तर तक सभी राजकीय चिकित्सालयों, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों तथ आंगनबाडी केन्द्रों पर ओआरएस जिंक कार्नर स्थापित किए गए हैं। इन ओआरएस एवं जिंक कॉनर्र पर अभियान के तहत ओआरएस पैकेट व जिंक टेबलेट वितरण के साथ-साथ उपचार के लिए आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को डायरिया के लक्षण और बचाव के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभियान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, जलदाय विभाग, नगर निकाय का सहयोग भी लिया जा रहा है। 

 मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओ पी सामर ने बताया कि स्टॉप डायरिया अभियान 31 अगस्त 2024 तक चलेगा। दो माह तक चलने वाले इस अभियान के तहत जिले में पांच वर्ष की उम्र से छोटे कुल 1 लाख 35 हजार 42 बच्चों को ओआरएस पैकेट एवं जिंक टेबलेट का वितरण किया जाना तय किया गया है। इस अभियान के तहत अब तक जिले में जो बच्चे दस्त से ग्रस्त पाए गए, उन्हें समुचित उपचार दिया गया। डॉ. चौधरी ने बताया कि जिले के पांचो ब्लॉक के बच्चों को ओआरएस के पैकेट व जिंक टेबलेट का वितरण किया जा चुका है। अभियान का उद्धेष्य एक भी बच्चा डायरिया से ग्रसित न रहे, इसी भावना के साथ विभाग धरातलीय स्तर पर काम कर रही है।