राजस्थान की भजनलाल सरकार ने गांधी दर्शन संग्रहालय के संचालन के लिए पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए गांधी वाटिका न्यास को निरस्त कर दिया. इस संबंध में एक विधेयक 15 जुलाई को राजस्थान विधानसभा में पेश किया गया, जिसे 30 जुलाई को सदन में चर्चा के बाद ध्वनि मत से पारित कर दिया गया. इसके बाद से ही प्रदेश में सियासी पारा हाई और कांग्रेस नेता सरकार को निशाने पर लेकर सवाल पूछ रहे हैं. इस पर अब अशोक गहलोत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी एक पोस्ट में लिखा, 'हमारी सरकार ने राजस्थान में गांधीजी की विचारधारा के प्रसार के लिए शांति एवं अहिंसा विभाग तथा सेंट्रल पार्क, जयपुर में गांधी वाटिका म्यूजियम बनाया था. परन्तु भाजपा सरकार ने पहले विभाग को खत्म किया, एवं अब गांधी वाटिका म्यूजियम के संचालक ट्रस्ट को खत्म करने का बिल पास कर दिया. गांधी वाटिका म्यूजियम का संचालन ट्रस्ट के जरिए करने का उद्देश्य था कि उसमें जाने-माने गांधी विचारक रहें एवं सरकार बदलने का इस पर कोई असर ना पड़े.'हमारी सरकार ने राजस्थान में गांधीजी की विचारधारा के प्रसार के लिए शांति एवं अहिंसा विभाग तथा सेंट्रल पार्क, जयपुर में गांधी वाटिका म्यूजियम बनाया था परन्तु भाजपा सरकार ने पहले विभाग को खत्म किया एवं अब गांधी वाटिका म्यूजियम के संचालक ट्रस्ट को खत्म करने का बिल पास कर दिया। पूर्व सीएम ने आगे लिखा, 'गांधी पीस फाउंडेशन के लोगों को इससे जोड़ा गया था ताकि इसका बेहतर संचालन हो. परन्तु 24 सितंबर 2023 को लोकार्पण के बावजूद ना तो गांधी वाटिका म्यूजियम को जनता के लिए नई सरकार ने खोला और ना ही इस ट्रस्ट को काम करने दिया. मैंने व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री से इस म्यूजियम को शुरू करने का निवेदन किया था. भाजपा सरकार ने ट्रस्ट को भी समाप्त कर दिया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. भाजपा की सरकार अब गांधी वाटिका म्यूजियम को आम जनता के लिए कब प्रारंभ करेगी? तारीख की अविलम्ब घोषणा करनी चाहिए.'