देवनारायण योजना के पशुपालकों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है, जहां पिछले कुछ दिनों में कई पशुओं की रहस्यमयी तरीके से मृत्यु हो गई है। इस संकट की शुरुआत तब हुई जब देवनारायण योजना पशुपालन विकास समिति के अध्यक्ष श्री किरण लांगड़ी ने इस मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पशुओं की तबियत अचानक बिगड़ती है और कुछ ही घंटों में उनकी मृत्यु हो जाती है। इस घटना में मुकेश मावता की 6 बैंस और 1 गाय, तेजू मावट के 6 बछड़े, गोविंद भड़क की 4 बैंस, और मिट्टू हकला की 5 बैंस की मृत्यु हो चुकी है।
श्री किरण लांगड़ी ने कहा, "यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। पशुओं की अचानक हो रही मृत्यु से हम सभी पशुपालक डर और निराशा में हैं। सरकार से हमारी मांग है कि इस बीमारी का जल्द से जल्द पता लगाया जाए और इसका समाधान निकाला जाए।"
इस सूचना पर तुरंत हरकत में आते हुए नगर निगम कोटा दक्षिण के उपमहापौर पवन मीणा ने देवनारायण योजना का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित पशुपालकों से मुलाकात की और उनकी पीड़ा को समझा। मौके पर वेटरनरी के जोनल हेड डॉ. चंपालाल मीणा से भी संपर्क किया गया, जिन्होंने तुरंत पोस्टमॉर्टम टीम को भेजकर मृत पशुओं के सैंपल लिए। इसके साथ ही जो बीमार पशु थे, उनकी जांच भी की गई और पाया गया कि कुछ जानवर 106 डिग्री बुखार से पीड़ित थे। मौके पर ही कुछ जानवरों का उपचार भी किया गया।
उपमहापौर पवन मीणा ने इस घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "यह समस्या बहुत गंभीर है, और बीमारी का पता लगाना अत्यंत आवश्यक है। पिछले वर्ष भी लम्पी नामक बीमारी से राजस्थान में कई जानवरों की मृत्यु हुई थी। सरकार को जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि इस गंभीर समस्या का समाधान हो सके।"
देवनारायण योजना के उपाध्यक्ष भागचंद नलिया, अमरा कटारिया, दयाल गुंजल, मंगला गुंजल और ग्रामवासियों ने भी इस स्थिति पर चिंता जताई और सरकार से त्वरित कार्रवाई और इलाज की मांग की है।
देवनारायण योजना में लगभग 15,000 जानवर और 450 पशुपालक परिवार रहते हैं, जो इस स्थिति से गहरे संकट में हैं। सरकार से अब यह अपेक्षा है कि वह इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द निकालेगी और पशुपालकों को इस भयावह संकट से उबारेगी।