हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन से तमाम बीमारियां घर करने लगती हैं, जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेल, किडनी के रोग आदि। इसलिए एक स्वस्थ शरीर के लिए ब्लड प्रेशर संतुलित बने रहना बहुत ही जरूरी है। आमतौर पर लोग डैश डाइट, लो सोडियम यानी कम नमक वाला खाना, प्रोसेस्ड फूड से दूरी बना कर ब्लड प्रेशर कम करते हैं, लेकिन इसके लिए एक सक्रिय जीवनशैली और रूटीन एक्सरसाइज बहुत जरूरी है।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार लगभग 150 मिनट की मध्यम तीव्रता की एक्सरसाइज या फिर 75 मिनट की अति जोरदार एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। ऐसे में एरोबिक एक्सरसाइज करने से ब्लड प्रेशर आसानी से कम किया जा सकता है। ऐसी एक्सरसाइज, जो आपके मांसपेशियों को बिना हिलाए की जा सके, उनसे ब्लड प्रेशर कम होता है, जैसे आइसोमेट्रिक एक्सरसाइज। वॉल स्क्वाट्स इनका ही एक रूप हैं।

ऐसे करें वॉल स्क्वाट्स

दीवार पर पीठ टिका कर खड़े हो जाएं। फिर पैरों को लगभग 18 इंच आगे की तरफ बढ़ाएं और कुर्सी के आकार में बैठने की आकृति में रहें। जांघों को जमीन से बराबर रखें। पेट की मांसपेशियों को तान कर रखें और नाक से लंबी सांस लें और छोड़ें। ऐसे 20 से 60 सेकंड तक करें। फिर दीवार से लगे हुए ही खड़े हो जाएं। 30 से 60 सेकंड तक रेस्ट करें और फिर इस प्रक्रिया को फिर दोहराएं।

इसके अलावा आप अपने डेली रूटीन में भी कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कर सकते हैं, जिससे हार्ट मजबूत होता और अच्छे से ब्लड पम्प भी होता है। इससे हार्ट कम मेहनत कर ज्यादा ब्लड पम्प कर पाएगा और ब्लड प्रेशर संतुलित बना रहेगा। ऐसी एक्सरसाइड के कुछ उदाहरण निम्न हैं-

  • एरोबिक क्लास- घर के आसपास कहीं जुंबा, एक्वा एरोबिक या फिटनेस क्लास चल रही हो तो जरूर ज्वाइन करें।

  • साइक्लिंग- साइक्लिंग भी एक बेहतरीन कार्डियो है, जिससे हार्ट रेट तेज होता है और अधिक ऑक्सीजन पम्प होता है और ब्लड प्रेशर संतुलित होता है।

  • स्विमिंग- ट्रेनर के निर्देशन में फ्री स्टाइल स्विमिंग से शुरुआत करते हुए फिर अनुभव के साथ एक्वा जॉगिंग कर के भी आप ब्लड प्रेशर को कम कर सकते हैं।

  • रनिंग और जॉगिंग- कम दूरी और कम स्पीड से शुरू करते हुए तेज स्पीड और लंबी दूरी तय करने का लक्ष्य बनाएं।

  • ब्रिस्क वॉक- तेज-तेज चलने से भी हार्ट रेट के साथ ब्रीथिंग रेट बढ़ता है और ब्लड प्रेशर संतुलित होता है।

 

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।