देशभर में भले ही मानसून की शुरुआत हो गई है, लेकिन गर्मी और उसम से लोगों को अभी राहत नहीं मिली है। खासकर दिल्ली-एनसीआर में लोगों का गर्मी से हाल बेहाल हो रहा है। आलम यह है कि उमस और गर्मी से राहत पाने के लिए लोग दिनभर एसी और कूलर के सामने बैठे रहते हैं। इतना ही नहीं कुछ लोग रातभर सोते भी एसी की हवा में ही है। एसी की ठंडी हवा में सोने का अपना अलग ही मजा होता है। इससे भले ही सुकून की नींद आती है, लेकिन इससे सेहत को कई गंभीर नुकसान भी होते हैं। आइए जानते हैं एसी में सोने से होने वाले कुछ नुकसान-
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
ओम धगाल की और से हिंडोली विधानसभा क्षेत्र एवं बूंदी जिले वासियों को रौशनी के त्यौहार दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
जोड़ों में दर्द
अगर आप एसी की हवा में रातभर सोते हैं, तो इससे आपकी मांसपेशियों में अकड़न और जोड़ों में दर्द हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि ठंडे तापमान के कारण मांसपेशियां सिकुड़ सकती हैं और उनमें कसाव आ सकता है, जिससे अकड़न और दर्द हो सकता है। इसके अलावा ठंडी हवा गठिया या अन्य मस्कुलोस्केलेटल कंडीशन वाले लोगों में जोड़ों के दर्द को बढ़ा सकती है।
इम्यून सिस्टम कमजोर करे
रातभर में एसी की हवा में सोने की वजह से रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ठंडी हवा हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती है, जिससे वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन से लड़ने की हमारे शरीर की क्षतमा कम हो जाती है और हम आसानी से बीमार हो सकते हैं।
ड्राई आईज और स्किन
एसी की ठंडी हवा में सोने की वजह से सिर्फ सेहत ही नहीं, त्वचा पर भी बुरा असर पड़ता है। दरअसल, एसी चालू करके सोने से वातावरण में नमी कम हो जाती है, जिससे स्किन और आंखें ड्राई हो सकती हैं। एसी की ठंडी हवा स्किन की नमी छीन सकती है, जिससे ड्राईनेस, खुजली आदि हो सकता है। साथ ही आंखें भी इससे ड्राई हो सकती है, जिससे आंखों में जलन, लालिमा, खुजली और ब्लर विजन हो सकती है।
रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याएं
अगर आप भी उन लोगों में से एक है, जो रातभर एसी की हवा में सोते हैं, तो इससे आपको रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। खासकर उन लोगों को, जो ठंडी हवा के प्रति सेंसिटिव है या जिन्हें अस्थमा या एलर्जी जैसी रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याएं हैं। एसी से निकलने वाली ठंडी हवा रेस्पिरेटरी सिस्टम में जलन पैदा कर सकती है, जिससे खांसी, घरघराहट, सीने में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण हो सकते हैं।
स्लीप क्वालिटी खराब होना
एसी चालू करके सोने से नींद के पैटर्न में बाधा आ सकती है और नींद क्वालिटी खराब हो सकती है, खासकर अगर तापमान बहुत ठंडा है। ठंडा तापमान रात के दौरान असुविधा और बार-बार जागने का कारण बन सकता है। इसके अलावा एसी से आने वाली आवाज भी नींद में खलल डाल सकती हैं और व्यक्ति को गहरी और सुकून की नींद लेने से रोक सकती है।