नई-नई तकनीकों के विकास ने मानव जीवन को कई मायनों में आसान बनाने का काम किया है। वैसे तो इन तकनीकों की लिस्ट बहुत लंबी है, लेकिन आज हम यहां सिर्फ एग फ्रीजिंग के बारे में बात करने वाले हैं। जो एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिला गर्भधारण करने की उम्र में अपने अंडे रखवा सकती है और कुछ सालों बाद अपनी मर्जी से प्रेग्नेंट होने का डिसीजन ले सकती है। एग फ्रीजिंग का ऑप्शन उन महिलाओं के लिए तो और ज्यादा फायदेमंद साबित हुआ है, जो कैंसर, कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी या किसी ओवेरियन सर्जरी से गुजर रही हैं। जिसके चलते उनकी फर्टिलिटी पर असर पड़ता है, तो इस प्रक्रिया की मदद से वो ठीक होने के बाद मां बन सकती हैं।

एग फ्रीजिंग को मेडिकल भाषा में उसाइट क्रायोप्रिजर्वेशन कहा जाता है। 20 से 30 साल की उम्र महिलाओं के गर्भधारण के लिए एकदम परफेक्ट मानी जाती है, जब वो बिना ज्यादा कॉम्प्लीकेशन्स के एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं, लेकिन अगर किसी कारणवश वो उस उम्र में मां नहीं बनना चाहती हैं, तो एग फ्रीजिंग का ऑप्शन चुन सकती हैं। इस प्रोसेस में महिलाओं के गर्भधारण की उम्र में उनके अंडे निकालकर सुरक्षित रख लिया जाता है। 

एग फ्रीजिंग के फायदे

एग फ्रीजिंग के कई फायदे हैंः-

  • एग फ्रीजिंग की प्रक्रिया में महिलाएं सही उम्र में अपने एग्स को सुरक्षित रखवा सकती है, जिससे फ्यूचर में हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए उन एग्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • यह उन महिलाओं के लिए और भी ज्यादा फायदेमंद है, जो कैंसर बीमारी से जूझ रही हैं और उसका इलाज करवा रही हैं। कैंसर की नकारात्मक असर प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है।
  • इसके अलावा, यह प्रक्रिया उन महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है, जिनके लिए करियर पहली प्राथिकता होती है। इसकी मदद से वो आराम से बाद में भी मां बनने का सुख प्राप्त कर सकती हैं। 

एग फ्रीजिंग महिलाओं को एक तरह की आजादी भी प्रदान करता है कि वो जब चाहे मां बन सकती हैं। कुल मिलाकर कहें, तो एग फ्रीजिंग महिलाओं को मेंटली सुकून प्रदान करता है। वो अपने हिसाब से मां बनने का डिसीजन ले सकती हैं, न कि इसके लिए बायोलॉजिकल क्लॉक पर डिपेंड रहना पड़ता है।

(डॉ. मधुलिका सिंह, कंसल्टेंट, बिड़ला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ, प्रयागराज से बातचीत पर आधारित)