सावन महीने के शुरू होते ही कांवरियों की भीड़ रास्तों पर काफी देखी जा रही है. राजस्थान की राजधानी जयपुर में कांवड़ियों का जत्था लगातार देखा जा रहा है. हालांकि, कुछ कावंडियों द्वारा डीजे म्यूजिक के साथ भी देखे जा रहे हैं. ऐसे में शांति भंग करने के आरोप में पुलिस भी कार्रवाई कर रही है. रविवार को पुलिस ने ऐसी ही कार्रवाई एक कावड़िये के जत्थे पर कर डीजे म्यूजिक को थाने लेकर आई थी. लेकिन देर रात डीजे लेने के लिए कावड़िये थाने पहुंच गए.इसी दौरान कावड़िये और पुलिस की बीच थोड़ी झड़प हो गई. हालांकि, आरोप है कि पुलिस ने कांवड़ियों को पीटा है. अब यह मामला तूल पकड़ रहा है. जहां एक ओर ग्रामीण कांवड़ियों से मारपीट के बाद आक्रोशित हैं ओर पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. जबकि कुछ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी किया गया है. वहीं दूसरी ओर इस मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है.बीजेपी नेता और मंत्री बालमुकुंद आचार्य ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है. वहीं दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. हालांकि, उन्होंने इस मामले को कांग्रेस से जोड़ते हुए बयान दिया है. बालमुकुंद ने एक तरफ पुलिस थाने पर कांवरियों के व्यवहार को लेकर कहा कि यह ठीक नहीं है. साथ ही कहा कि अगर पुलिस अधिकारियों ने अगर गलती की है तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद उन्होंने कहा कि कांवड़ियों की यात्रा पुरानी परंपरा है. कांग्रेस राज में इस तरह की घटनाएं होती थी. बीजेपी इसे गंभीरता से लिया है. बालमुकुंद ने कहा, कांवड़ियों के सत्संग पर प्रतिबंध कांग्रेस लगा दिया करती थी. लेकिन बीजेपी के आने के बाद सब कुछ शांति से चल रहा है. कांवड़ियों पर किसी प्रकार का अभद्र व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा सोशल मीडिया के माध्यम से मुझे भी कांवड़ियों पर मारपीट की जानकारी मिली. इस मामले में निष्पक्ष जांच होगी. अगर अधिकारी इसमें लिप्त होंगे तो उनको भी निलंबित किया जाएगा. कांग्रेस राज में जिस तरह से माफिया पनप रहे थे. लेकिन बीजेपी के आते ही उनका खात्मा हो रहा है. माफियाओं का राज खत्म हो रहा इसलिए मुख्यमंत्री को धमकी दी जा रही है. लेकिन इनकी धमकियों का कोई असर पड़ने वाला नहीं है.