विधायक सीएल प्रेमी ने सदन में उठाया सहकारी शुगर मिल के पुर्नसंचालन का मामला

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बूंदी। केशोरायपाटन विधायक सीएल प्रेमी ने विधानसभा में श्री केशव सहकारी शुगर मिल का मामला पुरजोर तरीके से उठाया और शुगर मिल को दुबारा चलाने की मांग की। विधानसभा में बोलते हुए प्रेमी ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र की प्रदेश की एकमात्र शुगर मिल वर्ष 2000 से बन्द पड़ी हुई है। बून्दी में केशवरायपाटन स्थित इस सहकारी शुगर मिल के पुर्नसंचालन की मांग को लेकर कोटा और बून्दी जिले के किसान लम्बे समय से संघर्ष कर रहे है। सहकारी शुगर मिल के पुर्नसंचालन के पक्ष में सम्पूर्ण वातावरण है, लेकिन कोटा-बून्दी के लगभग 80 हजार किसानो के भविष्य से जुडी हुई इस मांग पर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। शुगर मिल पर किसी प्रकार की कोई देनदारी नही है तथा समस्त देनदारिया चुकानो के बाद भी शुगर मिल के पास 51 करोड़ रूपये की राशि बची हुई है। शुगर मिल के पास वर्तमान में लगभग 170 बीघा भूमि बची हुई है। पूर्ववती सरकार के समय नई दिल्ली से आई नेशनल शुगर फेडरेशन के विशेषज्ञों की टीम ने भी शुगर मिल के संचालन के पक्ष में सरकार को रिपोर्ट दी थी। केशवरायपाटन सहकारी शुगर मिल कोटा-बून्दी जिले की पंच विधानसभा क्षेत्र के 80 हजार किसानों को प्रभावित करती है। आज भी इसके 4 हजार से अधिक किसान शेयर होल्डर है यदि यह शुगर मिल दुबारा चालू होती है तो कोटा, बून्दी और बारां के किसानो स्थिति में सुधार होगा। इसके साथ प्रेमी ने करवर में सेन्ट्रल कॉपरेटीव बैंक का मामला भी उठाया। विधानसभा में प्रेमी ने कहा कि ग्राम करवर की आबादी लगभग 15 हजार है लेकिन करवर और इसके आस-पास कही भी कॉपरेटीव बैंक नही है। करवर में सेन्ट्रल कॉपरेटीव बैंक की शाखा खुलवाने की मांग लम्बे समय से की जा रही है। करवर से 20 से 25 किलोमीटर की दूरी पर लाखेरी व देई में ही सेन्ट्रल कॉपरेटीव बैंक की शाखा है। करवर क्षेत्र से आस-पास के 25-30 गांवो के काश्तकारो को मजबूरी में लाखेरी और देई जाना पड रहा है। करवर में वर्तमान में उपतहसील है तथा यह एक प्रमुख व्यापारिक केन्द्र है। इसलिए जनहित मे करवर मे सेंट्रल कॉपरेटीव बैंक की शाखा खोली जावे।