कमर दर्द एक बेहद आम समस्या है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। ज्यादातर मरीजों को सामान्य इलाज़ जैसे की फिजियोथेरेपी की कसरत , सेक, कुछ दवाइयां , और कुछ दिन के आराम से ही पूरा आराम मिल जाता है। कुछ ही मरीजों को स्पाइन सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। पारम्परिक स्पाइन सर्जरी और आज के युग की मिनिमली इन्वेसिव स्पाइन सर्जरी तकनीक में काफी परिवर्तन आ गया है।

पूर्व में की जाने वाली सर्जरी में बड़ा चीरा लगना , ब्लड चढाने की आवश्यकता , मांसपेशियों को अनावश्यक क्षति, संक्रमण का खतरा, अस्पताल में लम्बा भर्ती रखने की आवश्यकता, रिकवरी में लम्बा समय लगना जैसे कई गंभीर विषय जुड़े होते थे।

जबकि चिकित्सा क्षेत्र में तकनीक के विकास से स्पाइन सर्जरी ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। जिसमे छोटे से चीरे द्वारा सर्जरी कर रीढ़ की हड्डी व नस की बड़ी तकलीफों का ऑपरेशन भी बिलकुल छोटे चीरे से किया जाने लगा है और सर्जरी के बाद स्वास्थलाभ भी बहुत जल्दी हो जाता है।

आखिर क्या है मिनिमली इन्वेसिव स्पाइन सर्जरी ?

इस तकनीक में विशेष ट्यूब और दूरबीन (माइक्रोस्कोप) का इस्तेमाल किया जाता है , जिससे की रीढ़ की नस तक पहुँच जाता है और इस प्रक्रिया में कमर की नॉर्मल मांसपेशी को बिल्कुल भी नहीं नुक्सान पहुँचता है और नाही कोई रक्त का बहाव होता है।कौनसे ऑपरेशन माइक्रोस्कोपिक सर्जरी द्वारा किये जा सकते हैं? 

स्पाइन फ्रैक्चर फिक्सेशन, स्लिप डिस्क, सायटिका, लम्बर कैनाल स्टेनोसिस, लम्बर स्पोंडिलोसिस 

सर्वाइकल स्लिप डिस्क 

निष्कर्ष: कमर दर्द जैसी तकलीफ का इलाज़ अब बेहद आसान और सुलभ हो गया है | पहले की ऑपरेशन की तुलना में आज की मिनिमल इन्वेसिव स्पाइन सर्जरी की तकनीक में काफी सकारात्मक प्रगति हुई है। अब ऑपरेशन के बाद लम्बा आराम, लकवे का खतरा, कार्यक्षमता में कमी, ऑपरेशन में रिस्क अब लगभग ख़त्म हो गया है।

उदाहरण: संपत बाई ( बदला हुआ नाम) उम्र 32 वर्ष मनोहरथाना जिले की निवासी का कुछ दिन पहले पेड़ से गिरने से पीठ की 3 हड्डी में फ्रैक्चर हो गया। चोट इतनी तेज हुई की एक हड्डी रीढ़ की नस को दबा रही थी, जिससे की पैरों में लकवे का खतरा बना हुआ था।| मरीज़ का बैठना , चलना सब बंद हो गया। मरीज और उसके परिजनों को चोट की गंभीरता से अवगत कराते हुए, स्पाइन सर्जरी की सलाह दी गयी। सर्जरी कोटा हार्ट हॉस्पिटल में की गयी और मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है और लकवे की रिस्क से पूरी तरह बाहर है। मरीज का चलना फिरना भी शुरू हो गया है। 

डॉ मुकुल जैन मिनिमली इन्वेसिव स्पाइन सर्जन, मुंबई के लीलवती एवं बॉम्बे हॉस्पिटल से प्रशिक्षित स्पाइन सर्जन है। जर्मनी और साउथ कोरिया से उन्होंने आधुनिक स्पाइन सर्जरी का अनुभव प्राप्त किया है। डॉ जैन ने बताया की स्पाइन की 90 प्रतिशत समस्या का इलाज़ दैनिक जीवनशैली में सुधार, पौष्टिक भोजन और नियमित शारीरिक कसरत से किया जा सकता है और सर्जरी योग्य तकलीफ का इलाज़ भी बिना किसी रिस्क के मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी से किया जा सकता है। कोटा हार्ट एवं श्रीजी हॉस्पिटल निदेशक डॉ राकेश जिंदल ने बताया कोटा हार्ट हॉस्पिटल में स्पाइन सर्जरी की आधुनिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है। स्पाइन सर्जरी की सेवाओं में जो विस्तार हुआ है उससे कोटा क्षेत्र को काफी लाभ पहुंचेगा।