नई दिल्ली। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद को बताया कि इस साल 16 जुलाई तक सहारा समूह की सहकारी समितियों के 4.2 लाख से अधिक जमाकर्ताओं को 362.91 करोड़ रुपये दिए गए हैं। शाह ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि सीआरसीएस सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से इसे आसान बनाया गया है, जिसे 29 मार्च, 2023 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य जमाकर्ताओं को उनके धन को पुन: प्राप्त करने में सहायता करना था।
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वर्तमान में, आधार से जुड़े बैंक खाते के माध्यम से जांच के बाद जमाकर्ता को केवल 10,000 रुपये तक का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की जांच कर और जमा राशि का प्रमाण प्रस्तुत करने पर पारदर्शी तरीके से धनराशि वापस की जा रहा है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण प्रक्रिया डिजिटल और कागज रहित है, जिसकी देखरेख सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और एमिकस क्यूरी गौरव अग्रवाल कर रहे हैं।
चुनिंदा राष्ट्रीय राजमार्गों पर जीएनएसएस-आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू होगा : गडकरी
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्य सभा में बताया कि सड़क मंत्रालय ने फास्टैग के साथ एक अतिरिक्त सुविधा के रूप में पायलट आधार पर चुनिंदा राष्ट्रीय राजमार्गों पर वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (जीएनएसएस)-आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है।
एक लिखित उत्तर में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस सुविधा को बेंगलुरु-मैसूरु खंड राष्ट्रीय राजमार्ग-275 और पानीपत-हिसार खंड राष्ट्रीय राजमार्ग-709 (पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग-71ए) पर पायलट आधार पर लागू किया जाएगा। जीएनएसएस, जीपीएस और ग्लोनास जैसी उपग्रह-आधारित नेविगेशन प्रणालियों के लिए एकसाथ में इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है।