दीगोद. कस्बे में दीगोद थाना पुलिस की कार्यवाही का एक वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ । जानकारी अनुसार दीगोद थाना पुलिस ने फरियादी की शिकायत पर पुलिस ने तड़के साढ़े 5 बजे के करीब भगवानपुरा गाँव में एक घर में दबिश दी। जहाँ सोते व्यक्ति को उठाकर अंडरवियर बनियान में ही हाथ-पैर पकड़कर गाड़ी में डालकर थाने ले आई। परिजनों ने विरोध जताया और सारा घटनाक्रम मोबाइल में कैद कर लिया। वीडियो शनिवार सुबह साढ़े 5 बजे का है। इसके बाद अब पीड़ित युवक और उसका परिवार मानवाधिकार आयोग और जिला पुलिस अधीक्षक के राज्य के मुख्यमंत्री से पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की मांग की है ।

पुलिस का यह है कहना -

दीगोद थाना एसएचओ रणजीत सिंह ने बताया कि जैसा सोशल मिडिया पर बताया जा रहा है वेसा कुछ नहीं है ।असल में भगवानपुरा गाँव के बनवारी लाल व महावीर प्रसाद के बीच पैसों के मामले का विवाद था। परेशान होकर बनवारी और उसकी पत्नी शिमला ने महावीर सहित 3-4 के खिलाफ मारपीट करने और धमकी देने की थाने में शिकायत दी थी। जिस पर पुलिस द्वारा कई बार महावीर को थाने में आने के लिए कहा ,लेकिन नहीं आया । इस पर टीम महावीर को लेने गई थी। सुबह 6 बजे करीब हेड कॉन्स्टेबल कुंज बिहारी, कॉन्स्टेबल प्रेमचंद, सुरेश,सोनू सहित अन्य स्टाफ गया था तो वहां महावीर ने उल्टा पुलिसकर्मियों से बदसलूकी और धक्का-मुक्की की । जिस पर पकडकर पाबंद किया गया था । 

उधर पीड़ित का यह कहना -

उधर भगवानपुरा गांव निवासी पीड़ित महावीर प्रसाद मीणा ने बताया कि 4 साल पहले गांव के युवक बनवारी को 50 हजार का कर्ज दिया। छोटे भाई रघुवीर ने 20 हजार उधार दिए थे। बनवारी कर्ज की रकम नहीं चुका रहा था। बनवारी ने उसके खिलाफ गाली-गलौच और धमकी देने की शिकायत थाने में दी थी, जिसके बाद पुलिस थाने से फोन आया था। दीगोद थाने से हेड कॉन्स्टेबल कुंज बिहारी मीणा शनिवार को पुलिस जीप लेकर सुबह साढ़े 5 बजे घर पर आ गए। उनके साथ 5-6 पुलिसकर्मी भी थे। उस दौरान घर में पत्नी के साथ सो रहा था। पुलिसकर्मी जबरदस्ती करते हुए खींचकर मकान के बाहर ले आए। शोर-शराबा होने पर पास के मकान में रहने वाले भाई की बेटियां वहां आ गई। उन्होंने विरोध किया फिर भी पुलिसकर्मी नहीं मानें। चार पुलिसकर्मी हाथ-जबपैर पकड़कर करीब 20 फीट ले गए और गाड़ी में डालकर थाने ले आए। शांतिभंग के मामले में पाबन्द किया। दोपहर तीन बजे करीब जज के सामने पेश किया और जमानत पर छोड़ा।