सांगोद, कोटा। गोशालाओं के संचालन एवं गोसंरक्षण के नाम पर राज्य सरकार विभिन्न मदों के रूप में बीस प्रतिशत सेस वसूलती है। लेकिन इसमें सिर्फ आधी राशि ही गोशालाओं को अनुदान एवं व्यवस्थाओं पर खर्च कर रही है। अनुदान कम मिलने से गोशाला संचालन में पंजीकृत संस्थाओं को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। समस्या को लेकर राजस्थान की गोशालाओं के प्रतिनिधि संगठन गौ ग्राम सेवा संघ से जुड़े पदाधिकारियों ने कोटा पहुंचकर मुख्यमंत्री एवं पशुपालन व गोपालन मंत्री के नाम जिला कलक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। संगठन से जुड़े जितेन्द्र नागर ने बताया कि गोशालाओं के संचालन के लिए अनुदान के नाम पर पूर्ववती सरकार ने विभिन्न मदों में सेस के नाम पर बीस प्रतिशत राशि लेना शुरू कर दिया। सरकार का तर्क था की इस राशि का उपयोग गोशालाओं की सुविधाओं में बढ़ोतरी, संचालन एवं गोसंरक्षण के लिए अनुदान के तौर पर खर्च की जाएगी। लेकिन हालत यह है कि सरकार सिर्फ दस फीसदी बजट ही गोशालाओं पर खर्च कर रही है। शेष बजट को अन्य कार्यो में उपयोग में लिया जा रहा है। जिसके चलते गोशालाओं को जरूरत अनुसार अनुदान भी नहीं मिल पाता। पूर्व में संगठन ने इसका विरोध किया तो सरकार से जवाब मिला कि आपदा के चलते दस फीसदी राशि अन्य मदों में खर्च की जा रही है। उन्होंने ज्ञापन में गोशालाओं को पूरा अनुदान देने की मांग रखी।

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