शिक्षक संघ एलीमेंट्री सेकेंडरी टीचर एसोसिएशन (रेसटा) के प्रदेशाध्यक्ष मोहर सिंह सलावद व प्रदेश महामंत्री नवल सिंह मीना ने राज्य के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा व शिक्षा मंत्री मदन दिलावर,शासन सचिव स्कूल शिक्षा को ज्ञापन भेजकर राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षको व कार्मिकों के लिए विधालय गरिमा व शिक्षक सुरक्षा हेतु अधिनियम बनाने की मांग की है। प्रदेशाध्यक्ष सलावद ने ज्ञापन में बताया की राज्य में पिछले कुछ वर्षों से असामाजिक तत्वों द्वारा सरकारी स्कूलों में अनाधिकृत प्रवेश कर शिक्षकों के साथ झगड़ा/ अभद्रता करने व हमले होने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं । आए दिन ऐसी घटनाओं की खबरें समाचार पत्रों में प्रकाशित होती रहती हैं । कहीं कहीं तो शिक्षकों से धन ऐठने के उद्देश से झूठे मुकदमे दर्ज करवा दिए और समझौते के लिए भारी धन राशि की मांग की जाती हैं । इनमें से अधिकांश शिक्षक विभिन्न तरह के दबाव में आकर,प्रतिष्ठा धूमिल होने के भय से या मानसिक संताप से बचने के लिए समझौते के नाम पर ठगे गए । संघ के प्रदेश महामंत्री मीना ने बताया की कई मर्तबा तो अपना वर्चस्व स्थापित करने के उद्देश्यों से क्षेत्र के स्थानीय लोगों द्वारा विद्यालय में अनावश्यक हस्तक्षेप किया जाता हैं। और यह हस्तक्षेप इतना बढ़ जाता हैं जिससे विद्यालय का शिक्षण बुरी तरह प्रभावित हो जाता है वहीं दूसरी ओर शिक्षक तो केवल इस विवाद से विद्यालय को बचाने की जुगत में लगे रहते हैं । ऐसे वातावरण में शिक्षकों के भयमुक्त अध्यापन करवाने की स्थितियां नहीं रहती शिक्षक संघ रेस्टा के जिलाध्यक्ष परमानन्द गोठवाल एवं जिला संरक्षक गजराज सिंह मोठपुर ने बताया की इसी प्रकार कभी कभी सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में विद्यालय निरीक्षण में आने वाले अधिकारियों द्वारा शिक्षकों को डांटने फटकारने का वीडियो या कोई नोटिस आदि सामाजिक समूह में वायरल कर दिया जाता है । उक्त कृत्य में केवल एक शिक्षक की लापरवाही या गलती की सजा पुरे शिक्षक समुदाय को बदनाम करके दी जाती हैं । शिक्षक पद की गरिमा के हास् का परिणाम विद्यार्थियों के व्यवहार पर पड़ा हैं और आज के दौर में नैतिक मूल्यों के पतन में भी इसका योगदान हैं । राज्य में स्कूलों का गरिमामय वातावरण बनाए रखने और शिक्षकों को सुरक्षित माहौल देने हेतु स्कूल गरिमा और शिक्षक सुरक्षा अधिनियम बनाकर यथाशीघ्र लागु किया जाएं व राज्य में जब तक अधिनियम बने तब तक एक एसओपी जारी कर इसके लिए आधार तैयार किया जाएं जिसमे बिना जाँच केवल शिकायत के आधार पर किसी शिक्षक को दण्डित नहीं किया जाएं व स्वतंत्र और निष्पक्ष जाँच उपरांत ही कार्यवाही हो । शिक्षकों पर झूठी FIR / झूठी शिकायत करने वालों व ऐसे लोगो का सहयोग करने वालो पर विभाग द्वारा कड़ी क़ानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएं । विद्यालय परिसर के वीडियो किसी भी स्थिति में सार्वजनिक न हो शिक्षक को जारी नोटिस सामाजिक समूह पर वायरल करने पर रोक लगे ।विद्यालय परिसर में असामाजिक तत्वों / नशे की स्थिति के प्रवेश पर रोक एवं शिक्षकों पर होने वाले हमलों के अपराधियों की तुरंत गिरफ़्तारी हो । स्थानीय शिक्षको की सह पर बाहरी जिलों के शिक्षको को असमाजिक तत्वों प्रताड़ित किया जाता है । इसकी शिकायत होने पर ऐसे मामलो को तुरंत जांच करवाकर कड़ी कार्यवाही की जाएं बिंदुओं को शामिल किया जाने की मांग की गई है। शिक्षक संघ रेसटा सहित राज्य भर के शिक्षको को आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि राज्य सरकार व शिक्षा विभाग संघ की जायज और वाजिब मांग को शीघ्र पूर्ण करेंगे