पश्चिमी राजस्थान ही नहीं, समूचे प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे औद्योगिक कॉरिडोर पर राज्य सरकार के बाद अब केन्द्र सरकार ने भी मोहर लगा दी है। केन्द्रीय बजट में देश में 12 राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकसित करने की घोषणा की गई है, जिसमें जोधपुर पाली मारवाड़ औद्योगिक कॉरिडोर (जेपीएमआईए) भी शामिल है। प्रस्तावित कॉरिडोर के पहले चरण की लागत 922 करोड़ रुपए है। सरकारी जमीन जेपीएमआई के नाम रिकॉर्ड में दर्ज कर ली गई है। निजी खातेदारों से जमीन अवाप्ति की प्रक्रिया चल रही है। केन्द्र सरकार द्वारा बजट में घोषणा करने से अब डीएमआईसी के पहले चरण को गति मिलेगी। यह देश का अत्याधुनिक औद्योगिक कॉरिडोर होगा। इस पूरे प्रोजेक्ट की कुल लागत 4 हजार 380 करोड़ रुपए आंकी गई है। इस परियोजना को शुरू करने के लिए पत्रिका ने अभियान चलाया, सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित की। राज्य सरकार ने भी कई बार केन्द्र से आग्रह किया। सांसद चौधरी ने भी केन्द्र को पत्र लिखे। सांसद ने बताया कि ये पाली के लिए सौगात है। डीएमआईसी परियोजना के तहत पश्चिमी राजस्थान में रोहट क्षेत्र को प्रमुख नोड के रूप में विकसित किया जाना प्रस्तावित है। इसे जोधपुर पाली औद्योगिक कॉरिडोर नाम दिया गया है।डीएफसी यानी माल ढुलाई के लिए मारवाड़ जंक्शन प्रमुख केन्द्र होगा। महाराष्ट्र, गुजरात से होकर राजस्थान आने वाली मालगाड़ियां मारवाड़ जंक्शन होकर गुजरेगी। मारवाड़ जंक्शन से माल की चढ़ाई-ढुलाई की जाएगी।जोधपुर पाली मारवाड़ औद्योगिक कॉरिडोर को मारवाड़ जंक्शन से रेलवे लाइन से जोड़ा जाएगा।जेपीएमआईए की विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में तैयार माल मारवाड़ जंक्शन तक पहुंचाया जाएगा। वहां से मालगाड़ियों द्वारा कम समय में विभिन्न शहरों तक पहुंचाया जा सकेगा।जोधपुर, पाली, बाड़मेर, जालोर समेत आसपास के शहर डीएमआईसी के जरिए माल देश के विभिन्न शहरों में कम समय और लागत में पहुंचा सकेंगे।