टोंक में इस बार 458mm बारिश हुई. लेकिन, राजसमंद, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा के साथ ही अजमेर क्षेत्र से बांध में पानी की आवक नहीं हुई है.  त्रिवेणी और डाई नदियों से अब तक पानी की आवक नहीं  होना बड़ी चिंता का विषय है. बांध में वर्तमान में 310.19 आरएल मीटर पानी ही बचा है, जोकि बांध की भराव क्षमता का 29.26% है,  ऐसे में अब उम्मीदें  कैचमेंट एरिया में मॉनसून की बारिश पर टिकी है. बांध पर हालात यह है कि बांध में मौजूद टापू अब नजर आने लगे हैं. बीसलपुर बांध में पिछले तीन दिनों में 5 सेंटीमीटर पानी कम हुआ है. रविवार को 310.24 मीटर पानी था, जो बुधवार सुबह 5 सेंटीमीटर घटकर 310.19 रह गया है. बांध का घटता जल स्तर बड़ी चिंता का विषय है. क्योंकी राजधानी जयपुर की उम्मीदें सिर्फ और सिर्फ बीसलपुर बांध पर टिकी है. वर्तमान में बांध से 1 हजार एमएलडी पानी प्रतिदिन पेयजल के लिए जयपुर, अजमेर और टोंक को दिया जा रहा है, जिसमें जयपुर को 650 एमएलडी, अजमेर और 300 एमएलडी ओर टोंक को 50 एमएलडी पानी दिया जा रहा है. ऊपर से बांध के जलग्रहण क्षेत्र में पिछले 20 सालों में बहकर आई बजरी और गाद से इसकी स्टोरेज क्षमता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है,  ऐसे में कब बीसलपुर बांध की उम्मीदें धूमिल कर दें.  कहा नहीं जा सकता है.  बस अच्छी मॉनसून बरसात पर बांध और राजधानी जयपुर सहित कई शहरों की उम्मीदे शेष है. टोंक में बनास नदी पर बना बीसलपुर बांध में पानी की आवक राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और अजमेर के पानी से होती है, जो कि त्रिवेणी बनास नदी और डाई और खारी नदियों के सहारे बांध में पानी आता है. लेकिन, इस बार भीलवाड़ा की त्रिवेणी संगम पर बनास का गेज 0 दर्ज है.  मानसून में जो कि चिंता की बात है वही दूसरी ओर इन सभी जिलों में फिलहाल वंहा के एनीकट, तालाब और बांध भी खाली है, जो कि बारिश के बाद भरेंगे. उसके बाद पानी की आवक टोंक बीसलपुर बांध तक होगी.