राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार के बजट को निराशाजनक बताते हुए इस बजट को राजनीतिक बजट करार दिया है. उन्होंने कहा है कि इस बजट से राजस्थान को बड़ी उम्मीदें थीं, मगर इसमें राजस्थान का कोई नाम भी नहीं आया. अशोक गहलोत ने इसके साथ ही कहा कि इस बजट से ना तो बेरोजगारी कम होगी और ना ही इस बजट में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कोई उपाय सुझाए गए हैं. अशोक गहलोत से पहले राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने भी आरोप लगाया था कि इस बजट में राजस्थान को कुछ नहीं दिया गया क्योंकि बीजेपी लोकसभा चुनाव में यहां की 11 सीटें हार गई और उसने उसका बदला बजट में चुकाया है. अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया नेटवर्क एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है कि बजट में 'राजस्थान को केवल निराशा हाथ लगी है, और ऐसा लगा कि राजनीतिक कारणों से केंद्र सरकार ने केवल आंध्र प्रदेश एवं बिहार को ही पूरे देश का बजट सौंप दिया हो'.गहलोत ने लिखा,"भौगोलिक एवं सामाजिक रूप से हमारे राजस्थान को विशेष पैकेज की आवश्यकता थी परंतु पूरे बजट भाषण में राजस्थान का नाम तक नहीं आया." "भौगोलिक एवं सामाजिक रूप से हमारे राजस्थान को विशेष पैकेज की आवश्यकता थी परंतु पूरे बजट भाषण में राजस्थान का नाम तक नहीं आया" अशोक गहलोत ने अपनी पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निशाने पर लिया और कहा कि राजस्थान में पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी अपने हर भाषण में 'तथाकथित तथाकथित डबल इंजन की सरकार से डबल विकास के भ्रामक दावे करते थे'. गहलोत ने कहा कि आम बजट से उन्हें आशा थी कि इसमें पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिए जाने के बारे में कोई घोषणा की जाएगी और ERCP को विशेष फंड दिया जाएगा, मगर 'केंद्र सरकार ने ERCP पर भी कोई घोषणा ना कर राजस्थान के हितों के साथ खिलवाड़ किया है'. "केंद्र सरकार ने ERCP पर भी कोई घोषणा ना कर राजस्थान के हितों के साथ खिलवाड़ किया है"