लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2024-25 का पूर्ण बजट पेश किया है. मोदी 3.0 का यह पहला बजट है जिसे सत्ता पक्ष के लोग शानदार और दूरगामी बता रहे हैं. हालांकि बजट पर विपक्ष लगातार हमलावर हो रहा है. केंद्रीय बजट को राजस्थान में भी सत्ता पक्ष ने अच्छा बताया और खूब तारीफ की. लेकिन विपक्ष द्वारा इसे पूरी तरह से निराशाजनक बताया. क्योंकि बजट में राजस्थान का नाम तक नहीं लिया गया. बजट पर गोविंद सिंह डोटासरा, अशोक गहलोत समेत कई विपक्ष नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है. वहीं अब सचिन पायलट ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने बजट में अनेक प्रदेशों की योजनाओं का उल्लेख किया. लेकिन राजस्थान की ERCP और यमुना लिंक योजनाओं के लिए कोई घोषणा नहीं की. जो प्रदेश की जनता के साथ छलावा है. जबकि केंद्र की मंत्री ने अपनी मौजूदगी में मध्य प्रदेश और हरियाणा के साथ MOU करवाए थे. सचिन पायलट ने कहा, वित्त मंत्री ने इस बजट को रोजगारोन्मुखी बताने का प्रयास किया है. जो कि दर्शाता है कि बीजेपी सरकार ने यह स्वीकार कर लिया है कि बेरोजगारी चरम पर पहुंची है. उन्होंने कहा कि बजट में दिखाए गए कदमों से बेरोजगारी कम नहीं होने वाली, क्योंकि निम्न और निम्न मध्यम वर्ग में महंगाई के कारण खपत बढ़ नहीं पा रही है. सरकार को हर हालत में सरकारी पूंजीगत व्यय को और बढ़ाने पर जोर देना होगा. पायलट ने कहा कि केन्द्र सरकार के अधीन चल रहे लगभग 10 लाख रिक्त पदों को भरने को लेकर भी वित्त मंत्री बजट में चुप्पी साधे रखी. जो साबित करता है कि सरकार बेरोजगारों को केवल निजी क्षेत्र की ओर धकेलना चाहती है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा मनरेगा पर वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण में एक शब्द भी नहीं बोलना समझ से परे है.