पूर्व मंत्री और बायतू के विधायक हरीश चौधरी ने शायद सपने में भी नहीं सोचा होगा कि विधानसभा में उनके मुंह से ठाकुरों को लेकर जो कविता निकली थी, उसका अंजाम इतना बुरा भी हो सकता है. विधानसभा में उन्होंने 'ठाकुर का कुआं' कविता पढ़ी तो उसके बाद सड़क से सदन तक बवाल मचा हुआ है. आक्रोशित राजपूत समाज के लोग कांग्रेस विधायक से माफी की मांग कर रहे हैं. साथ ही चेतावनी दी कि अगर माफी नहीं मांगी तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा. इससे पहले चौधरी के बयान पर सदन में भी हंगामा हुआ था. उनके इस बयान पर सदन के भीतर ना सिर्फ भाटी और बीजेपी, बल्कि सदन के बाहर भी कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने सवाल खड़े किए थे. उन्होंने पूछा था कि ठाकुर का कुआं ने क्या गुनाह कर दिया. जो जाति और धर्म से ऊपर उठकर देश के लिए मरता है, वहीं तो ठाकुर का कुआं है. धर्म और जाति में टकराव पैदा करने का किसी को अधिकार नहीं है.