पहले सावन पर शिवालयों में गूंजे हर हर महादेव के जयकारे
शिव मंदिरों में लगा पूजा व दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का तांता
बून्दी। श्रावण मास की शुरुआत सोमवार से होने से शिव भक्तों में उत्साह बना रहा। सोमवार को श्रावण मास की शुरुआत के साथ सुबह से ही भगवान शिव की आराधना का दौर भी शुरू हो गया। श्रद्धालु घरों से लेकर शिव मंदिरों तक जल व दूध के साथ विभिन्न फलों के रस से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक व पूजा अर्चना में जुटे रहे। जिले भर के शिवालयों में श्रद्धालुओं का पूजा अर्चना के लिए अलसुबह से ही आना शुरू हो गया था जो दोपहर तक चलता रहा। इस अवसर पर जिले भर के शिवालय हर हर महादेव, जय भोले, बम बम भोले, ओम नमः शिवायः, नमोः पार्वती फतेह आदि के जयकारों से गुंजायमान रहे।
शहर के बाणगंगा स्थित केदारेश्वर महादेव, महेश वाटिका व भावभट्ट अखाड़ा स्थित महादेव, वालचंदपाड़ा स्थित अभयनाथ महादेव, लंकागेट स्थित रेतवाली महादेव, त्रिलोकीनाथ महादेव, भूतेश्वर महादेव, रेलवे स्टेशन स्थित खारेश्वर महादेव, गुरूनानक कॉलोनी स्थित अभयनाथ महादेव सहित आस पास के महादेव मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए आज दिन भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। गोपाल सिंह प्लाजा स्थित त्रिलोकी नाथ मंदिर में महिला पुरुष बच्चों श्रद्धालुओं ने बेलपत्र चढ़ाए और जलाभिषेक किया।
वहीं कार्तिक कॉलोनी स्थित कमलेश्वर महादेव मंदिर में आज रुद्राभिषक पण्डित अक्षय व भौलाशंकर के सानिध्य में हुआ। इस अवसर पर कॉलोनीवासियों ने सामूहिक आरती में भाग लिया और भगवान शिव से अच्छी वर्षा खुशहाली की मंगल कामना की। इस अवसर पर विजेन्द्र माहेश्वरी जाजू, सत्यनारायण जाजू, रमेश झंवर, सत्यनारायण नुवाल, सुशील दाधीच, नरेन्द्र जाजू, राजकुमारी नुवाल, रश्मि दाधीच, चंचल झंवर, उर्मिला, हेमलता, कविता, मधु, रक्षा, श्वेता, शिवानी जाजू आदि ने रूद्राभिषेक में भाग लिया।
हिण्डोली उपखण्ड क्षेत्र के लकडेश्वर महादेव के पावन स्थल पर सावन माह के प्रथम सोमवार को आज दूर दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा व दर्शन करने के लिए पहुंचे। इस अवसर पर पण्डितो द्वारा भगवान भोलेनाथ का रूद्राभिषक किया गया। शैक्षिक, सामाजिक व धार्मिक कार्यकर्ता घनश्याम लाठी ने भजन कीर्तन का आयोजन रखा। जिसमें लोक कलाकारों ने भजनों की मनमोहक प्रस्तुति दी जिसमें श्रद्धालु भाव विभोर होकर नाचने लगे। क्षेत्र के रामेश्वर महादेव व सिंधकेश्वर महादेव मंदिर पर भी पूजा अर्चना के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
श्रावण मास में शिव की पूजा से मिलता हैं सभी देवों की पूजा का फल
श्रावण मास का माहात्म्य बताते हुए ज्योतिषाचार्य पं. विनोद कुमार गौतम ने बताया कि श्रावण मास में शिव की पूजा करने से प्रायः सभी देवताओं की पूजा का फल मिल जाता है इस मास में काल के देवता भगवान शिव का पूजन करना , कथा सुनना चाहिए तथा पुराणों का श्रवण भी करना चाहिए। इसके अतिरिक्त कुत्सित विचारों का त्याग कर स्वभाव में विनम्रता रखते हुए धैर्य निष्ठा पूर्वक भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। पूर्णमासी को श्रवण नक्षत्र में का योग होने के कारण भी यह मास श्रवण कहलाता है। इस मास के कुल तीस व्रत व पुण्य कार्यों के लिए ही होते हैं। इसका अर्थ यह है कि इस मास की सारी तिथियां व्रत अथवा पुण्य कार्यों के लिए ही होती हैं। जप, तप आदि के लिए यह मास सर्वश्रेष्ठ है।
श्रावण मास में करें ॐ नमः शिवाय का जप
ज्योतिषाचार्य पं. विनोद कुमार गौतम ने बताया कि वर्षा ऋतु के इस मास को योगी पुरुष नियम व संयम पूर्वक तप करते हुए व्यतीत करते हुए भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करें। रुद्राक्ष की माला धारण कर ॐ नमः शिवाय का जप करें। इन दिनों व्रती को अपनी किसी एक प्रिय वस्तु का त्याग कर देना चाहिए। पुष्प , तुलसी दल , फल , धान्य और बिल्व पत्र से महादेव की पूजा करनी चाहिए। भूमि पर शयन करना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और झूठ नहीं बोलना चाहिए। प्रातः काल स्नान कर एकाग्रचित हो पुरुष सूक्त का पाठ करे और इस माह में कोटिहोम ग्रह यज्ञ करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।