गूगल ने अपनी स्पैम और मिनिमम फंग्शनैलिटी पॉलिसी को अपडेट करने की कड़ी में नया फैसला लिया है। गूगल लो-क्वालिटी और नॉन-फंग्शनल ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाने जा रहा है। इस पॉलिसी के तहत कंपनी यह सुनिश्चित करेगी कि प्ले स्टोर पर यूजर्स को ऐसे ही ऐप्स मिलें जो गूगल के हायर स्टैंडर्ड का ध्यान रख तैयार किए गए हों।

टेक कंपनी गूगल लो-क्वालिटी और नॉन-फंग्शनल ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाने जा रही है। कंपनी 31 अगस्त 2024 से इस प्लान पर काम शुरू कर रही है। दरअसल, गूगल ने अपनी स्पैम और मिनिमम फंग्शनैलिटी पॉलिसी को अपडेट करने की कड़ी में नया फैसला लिया है। इस पॉलिसी के तहत कंपनी यह सुनिश्चित करेगी कि प्ले स्टोर पर यूजर्स को ऐसे ही ऐप्स मिलें जो गूगल के हायर स्टैंडर्ड का ध्यान रख तैयार किए गए हों।

प्ले स्टोर से कौन-से ऐप्स हटाए जाएंगे

कंपनी की इस पॉलिसी के तहत उन ऐप्स को टारगेट किया जाएगा जो बहुत कम कंटेंट के साथ किसी खास उद्देश्य के लिए डिजाइन नहीं किए गए हैं। ऐसे ऐप्स जो प्ले स्टोर पर अपनी स्पेसिफिक फंग्शनैलिटी को शोकेस नहीं कर रहे हैं, उन पर कंपनी की इस पॉलिसी का असर देखने को मिलेगा।

इन ऐप्स में टेक्स्ट ओनली ऐप्स, सिंगल वॉलपेपर ऐप्स को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा ऐसे ऐप्स जो यूजर को बेहतरीन यूजर एक्सपीरियंस देने में नाकामयाब रहे हों, उन पर भी नई पॉलिसी का असर देखने को मिलेगा।

कंपनी इस नई पॉलिसी के तहत बार-बार क्रैश होने वाले ऐप्स और ठीक तरह से इंस्टॉल न हो पाने वाले ऐप्स को प्लेटफॉर्म से रिमूव करेगी।

प्लेस्टोर पर स्टेबल और रिस्पॉन्सिव ऐप्स ही रहेंगे मौजूद 

गूगल ने अपनी पॉलिसी अपडेट के दौरान कहा, ऐप्स को अपने यूजर्स को एक स्टेबल, रिस्पॉन्सिव और इंगैजिंज यूजर एक्सपीरियंस देना चाहिए। कंपनी प्ले स्टोर की सुरक्षा और प्लेटफॉर्म की क्वालिटी को सुधारने के क्रम में ऐसे ऐप्स को रिमूव करेगी। मालूम हो कि प्ले स्टोर पर यूजर्स के लिए लाखों ऐप्स मौजूद हैं।