माइक्रोसॉफ्ट आउटेज से पूरी दुनिया में खलबली मच गई। ज्यादातर विंडोज यूजर्स को इस दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लेकिन इस ग्लोबल आउटेज का चीनी कंप्यूटर्स पर न के बराबर असर पड़ा। ऐसा होने के पीछे ड्रैगन का किसी दूसरे देश पर निर्भर न होना है। चीन में घरेलू कंपनियों के द्वारा बनाए गए सॉफ्टवेयर्स का ही इस्तेमाल किया जाता है।

माइक्रोसॉफ्ट आउटेज से भारत समेत लगभग पूरी दुनिया प्रभावित हुई। वैश्विक स्तर पर तमाम बिजनेस और कंपनियों का कामकाज बुरी तरह से ठप पड़ गया। अचानक विंडोज सिस्टम पर सामने आई ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ की परेशानी से तकरीबन 85 लाख यूजर्स परेशान रहे। लेकिन चाइना में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। जिस समय पूरी दुनिया में माइक्रोसॉफ्ट आउटेज से खलबली मची हुई थी। उस समय चीन में सबकुछ सामान्य चल रहा था। सवाल है कैसे?

आउटेज से कैसे बच गया ड्रैगन?

जिस समय पूरी दुनिया आउटेज के कारण हुई दिक्कतों का समाधान होने का इंतजार कर रही थी, उस समय चीन में सबकुछ रोजाना की तरह सामान्य था। न तो यहां किसी को कंप्यूटर की स्क्रीन पर परेशानी आई और न ही दूसरी चीजों पर असर पड़ा। ऐसा होने के पीछे चाइना का किसी दूसरे देश के ऊपर निर्भर न होना है।

दरअसल, चाइना बाहर की चीजों को तरजीह देने की बजाय अपने ही बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर फोकस रखता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, चाइना में बैंकिंग क्षेत्र तकनीकी गड़बड़ी के कारण प्रभावित नहीं हुए और न ही चीनी हवाई अड्डों पर इस आउटेज का असर देखने को मिला।

बाहरी चीजों का कम इस्तेमाल

चीन में अपने ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है। खासकर, अमेरिकी सॉफ्टवेयर्स को चाइना में बहुत कम यूज किया जाता है। चीन में ऐसे बहुत कम बिजनेस या सर्विस समूह हैं जो किसी बाहरी कंपनी से सर्विस लेते हैं। चीन की ही कंपनियां वहां के बिजनेस और सर्विस समूह को सॉफ्टवेयर सर्विस देती हैं।

आउटेज ने मचाई खलबली

अमेरिका की साइबर सुरक्षा फर्म क्राउडस्ट्राइक द्वारा जारी किए गए एक सॉफ्टवेयर अपडेट के कारण दुनियाभर में ये दिक्कतें आईं। बड़ी-बड़ी कंपनियों का वर्कफ्लो इससे प्रभावित हुआ। अपडेट में गड़बड़ी के कारण आईटी सिस्टम को ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ (BSOD) एरर का सामना करना पड़ा। जिसकी वजह से सिस्टम अपने आप रीस्टार्ट होने लगे।