सांगोद,   यूं तो सत्ता में आई सरकारें ग्रामीणों को हर संभव सहुलियत का दावा एवं घोषणाएं करती है। आवागमन के लिहाज से गांवों को सड़कों से जोडऩे की बातें भी होती है। गांवों तक सड़कें बनती भी है लेकिन बाद में इनकी कोई सुध नहीं लेता। सड़कें टूटकर बिखर जाती है। बारिश में यही सड़कें क्षतिग्रस्त होकर दलदल में बदल जाती है। ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी भी होती है। लेकिन इनकी मरम्मत नहीं हो पाती। कभी-कभार मरम्मत के लिए थोड़ा बहुत बजट मिलता है। सड़कों पर पेबंद भी लगते है लेकिन फिर सड़कें टूट जाती है। सरकार की अनदेखी की कुछ कुछ ऐसी ही हालत बया कर रही है क्षेत्र स डाबरी से श्यामपुरा गांव की सड़क। बारिश होते ही इस सड़क पर आवागमन करना वाहन चालकों के लिए किसी चुनौती से कम साबित नहीं हो रहा। यह सड़क पूरी तरह से टूटकर बिखर गई है। सड़क पर हो रहे गड्ढों से वाहन चालकों को वाहनों में हिचकोले लग रहे है।