श्री शिरड़ी साईं समिति गढ़ पैलेस द्वारा साई बाबा की भव्य शोभायात्रा आज निकाली गई। बाबा का पंचामृत अभिषेक किया गया, मध्यांतर आरती की गई। गुरू पूर्णिमा महोत्सव के तहत चांदी की पालकी में विराजमान होकर श्री साई बाबा को शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए निकाला गया। भक्त योगेश पंचोली ने बताया की इस बार मध्य प्रदेश के मंसूरी ढोल साई के दरबार में अपनी बेहतरीन कला का प्रदर्शन करते हुए चल रहे थे जिसने भी इन डोल को देखा वह देखता ही रह गया 350 कार्यकर्ताओं की सूचीबद्ध टीम व्यवस्था संभालती रही। चंद्रप्रकाश जेठी, हीरालाल रोहिडा ने बताया पालकी का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया। कई संस्थाओं और समाज द्वारा स्वागत द्वार लगाकर एवं डेकोरेट कर खाद्य सामग्री वितरण कर भव्य स्वागत किया गया, पुष्प वर्षा की गई। खाने के आइटम का प्रसाद वितरण किया गया। कार्यक्रम को भव्य रूप देते हुए सफल बनाए जाने के लिए श्री साई बाबा पालकी आयोजन समिति का गठन किया गया था। भुवनेश गहलोत, हेमराज सोलंकी ने बताया कि बाबा के दरबार में 250 किलो खिचड़ी प्रसाद वितरण किया गया। साई पालकी में जीवंत झाकियां व साई बाबा की पैदल झांकी आकर्षण का केंद्र रही। 300 से 350 कार्यकर्ता साई पालकी में अपनी ड्यूटी के साथ पालकी लेकर भ्रमण को चलें। गहलोत ने बताया कि इस बार माइक्रोमेनेजमेंट किया गया, इस बार साई बाबा, बाई जा मां और लक्ष्मी जी की जीवंत झांकिया बनाई गई। जो ऊंट गाडी पर विराजमान रही। साई बाबा की एक पीडित का उपचार करते हुए, भोजन बनाते हुए संदेशपरक झांकियां आकर्षण का केंद्र रही। भूखे को भोजन कराने का संदेश देगी वहीं साई बाबा द्वारा चिकित्सा करते हुए यह संदेश दिया गया कि जरूरतमंदों की सेवा की जाए। चांदी की पालकी करीब 40 किलो से अधिक रही जिसमें ज्योत के साई बाबा को विराजमान किया गया। सतगुरु साई की पालकी में जो भी भक्त शामिल हुआ वह आनंदित हो उठा। पालकी साई बाबा मंदिर से कैथूनीपोल, लालबर्ज, गांधी जी की पुल, श्री पुरा चौराहा, सब्जीमंडी चौराहा, मोहन टाकीज रोड, गुजराती समाज के सामने से गुमानपुरा चौराहे से इंद्रा गांधी प्रतिमा से वापस घूम कर सूरजपोल दरवाजा, राजदूत छात्रावास, कैथूनीपोल से होते हुए पुन: साई मंदिर पहुंची। मंदिर पहुंचने के बाद महाआरती की गई व प्रसाद वितरण किया गया।