राजस्थान सरकार ने 2019 से पूर्व के नए व पुराने वाहनो में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन पलट लगाने के आदेश जारी करने के बाद वाहन चालकों में हड़कंप मचा हुआ है। साल 2019 से पूर्व के जिन वाहनो में एचएसआरपी लगी है उनमें दोबारा आवेदन को लेकर असमंजस बना हुआ है। वही ऑनलाइन स्लॉट बुक करते समय कई वाहन का रिकॉर्ड शो नही होने से लोगो को आरटीओ कार्यायाली का चक्कर काटने पड़ रहा है। ऐसे में वाहन चालक यातायात सलाहकारों के पास वाहन के कागजात कंप्लीट कराने पहुच रहे है।
परिवहन विभाग कार्यालय कोटा के आंकड़ो पर नजर डाले तो कोटा जिले में जनवरी 2000 से 2019 तक कुल नए राजिस्टार्ट वाहनो की संख्या करीब 4 लाख 42 हजार 524 है। जिसमे 3 लाख 28 हजार 633 दुपहिया वाहन शामिल है। इनमे अधिकतर वाहन बिना एचएसआरपी वाले है।
परिवहन सलाहकार व ई-मित्र संचालक निखिल गुप्ता ने बताया कि एचएसआरपी के लिए वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट कम्प्लीट होना जरूरी है। लोगो मे अवेरनेंट की कमी के चलते वाहन चालक अपनी गाड़ी का इंश्योरेंस रिन्यू, पॉल्युशन् के आदि नही कराते। कई वाहन ऐसे भी है जिनके मालिक का पूर्व में ही देहात हो चुका है और उनके परिवार के सदस्य वाहन बिना नाम कराए ही चला रहे है। कई वाहन चालक आरसी की अवधि समाप्त होने के बाद रिन्यू कराना ही भूल गए। सरकार द्वारा सभी पुराने वाहनो में एचएसआरपी लगाना अनिवार्य करने के ककर्ण वाहन चालक अपने वाहन की आरसी रिन्यू कराने आ रहे है। जिसमे के वाहनो को 20 साल से भी अधिक का समय हो चुका है। कंपनी से वाहन खरीद के 15 साल बाद जिन्होंने आरसी रिन्यू कराने के लिए आगे जिंताने मॉन व साल अधिक हुए है उनसे 300 रुपये हर माह के हिसाब से परिवहन विभाग द्वारा पेनाल्टी वसूली जा रहे ही जा रही है। अब जिनके वादनो को 20 साल हो चुके है और उन्होंने आरसी रिन्यू नही कराई उन्हें 5 साल कक पेनक़्लती के हिसाब से 18 हजार पेनाल्टी देनी होगी । जबकि वाहन की मार्केट वैल्यू इस राशि के लगभग या कम होने वह अपनी आरसी रिन्यू नही करा पा रहे। दूसरा परिवहन विभाग ने 2019 से पहले के नए रजिस्टर्ड वाहनों में एचएसआरपी लगाई उनमें भी असमंजस है कि क्या उन्हें भी दोबारा आवेदन करना होगा या नही।
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी दिनेश सिंह सागर ने बताया कि राजस्थान सरकार के आदेश पर 2019 से पूर्व नए रजिस्टर्ड वाहनो के एचएसआरपी की जिम्मेदारी परिवहन विभाग को दी गई थी। जिसमे पुराने वाहनो को छोड़ नए रजिस्टर्ड वाहनो में परिवहन विभाग द्वारा एचएसआरपी लगाई गई। किन्तु कई दो पहिया, तीन पाहिये तथा चार पहिया वाहन चालकों ने उस समय चालान से बचने के लिए बाजार में फर्जी तरीके से अपनी गाड़ियों में एचएसआरपी लगा दिखने वाली प्लेट लगा ली थी। जबकि परिवहन विभाग द्वारा लगाए एचएसआरपी में लेजर कोड है और फर्जी में नही। चूंकि जिन वाहन में लगी एचएसआरपी में लेजर कोड नही है, वह वाहन अमान्य होंगे तथा उन वाहनो में भी एचएसआरपी लगाना अनिवार्य होगा। जिसके लिए विभाग की ऑनलाइन साईट पर आवेदन करना आवश्यक होगा। जिन वाहनो को 15 साल या उसे अधिक हो चुके है ओर उनकी आरसी कम्प्लीट होने के बाद ही उनके वाहन का रिकॉर्ड विभाग की साइट पर ऑनलाइन होगा। वेबसाइट पर उपलब्ध लिंंक के माध्यम से भारतीय ऑटोमोबाइल मेनुफैक्चरर्स सोसायटी की वेबसाइट पर जाकर जिले, वाहन की श्रेणी और डीलर का चयन कर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट लगवाने के लिए स्लॉट बुकिंग की जा सकेगी। नंबर प्लेट का भुगतान ऑनलाइन ही किया जाएगा। वाहन पंजीकरण का शुल्क भी अलग- अलग वाहनों के लिए भिन्न हैं। यह दर दुपहिया वाहन के लिए 425 रुपए होगी, तो वहीं तिपहिया वाहन मालिकों के लिए यह शुल्क 470 रुपए होगा, जबकि चौपहिया वाहन के लिए 695 रुपए एवं भारी मोटरयान के लिए 730 रुपए अथवा ट्रैक्टर व कृषि कार्य संबंधी संयोजन वाहन के लिए 495 रुपए पंजीकरण शुल्क होगा। ऑनलाइन भुगतान करने के बाद वाहन मालिक से अन्य कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूला जाएगा। तय सीमा में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट नहीं लगवाने पर वाहनों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।