कोटा थैलेसीमिक मरीजों की परेशानियों को लेकर गुरुवार को वरिष्ठ चिकित्सा प्रभारियों की बैठक - मेडिकल कॉलेज प्रधानाचार्य डॉ. - संगीता सक्सेना के कार्यालय में हुई। - थैलेसीमिक 18 साल से अधिक - उम्र के रोगी एमबीएस में रक्त - चढ़ाते थे। उनकी परेशानियों को लेकर चर्चा के बाद सोमवार से 18 वर्ष से अधिक उम्र के रोगियों को भी जेकेलोन में ही रक्त चढ़ाने का निर्णय लिया। जबकि पहले सिर्फ थैलेसीमिक बच्चों के ही जेकेलोन अस्पताल में रक्त चढ़ाया जाता था। 18 साल से अधिक उम्र के मरीजों के एमबीएस अस्पताल में रक्त चढ़ाया जाता था। थैलेसीमिक रोगियों के रक्त चढ़ाने से आयरन कीत मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे में शरीर से आयरन निकालने के लिए लगातार दवाइयां दी जाती है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जो दवाईयां रोगियों को उपलब्ध करवाई जा रही थी वो आयरन को कम करने में कारगर साबित नहीं हो रही, इनके स्थान पर उचित मानक वाली नई दवाइयां मंगवाने पर चर्चा कर डिमांड भेजने का निर्णय लिया। बैठक में प्राचार्य डॉ. संगीता सक्सेना, अधीक्षक डॉ. धर्मराज मीणा, डॉ. मीनाक्षी शारदा, डॉ. सीपी मीणा, डॉ. अमृता मयंगर, डॉ. सुनील सोनी, डॉ. शैलेन्द्र, डॉ. गोपीकिशन शर्मा, डॉ. शिव सिंह मीणा, भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश जैन, थैलेसीमिया सोसायटी अध्यक्ष सुनील जैन मौजूद रहे।