राजस्थान में जिन 5 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव होने हैं, उन्हीं में से एक सीट है सचिन पायलट के गढ़ टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट. इस सीट से हरीश मीणा विधायक रहे. सांसद बनने के बाद हरीश मीणा विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. अब सीट पर उप-चुनाव होगा. उप-चुनाव सचिन पायलट की प्रतिष्ठा का चुनाव भी होगा. बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव समितियों का गठन कर दिया. चुनावी तैयारियों को अमली-जामा पहनाना शुरू कर दिया है. टिकट के लिए दौड़ भी अब दिल्ली से लेकर जयपुर तक शुरू हो चुकी है, जिसमें दोनों ही दलों के कई बड़े नाम शामिल हैं. देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर पिछले 4 चुनावों में  बीजेपी गुर्जर जाति से तो कांग्रेस मीणा जाति से उम्मीदवार उतारती आई है. 2008 में परिसमीन के बाद 4 चुनाव हुए. 2008, 2018 और 2023 के तीन चुनावों में कांग्रेस ने बाजी मारी. साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के हरीश चंद्र मीणा ने बीजेपी के विजय बैंसला को 19 हजार 175 वोट से हराकर लगातार दूसरा चुनाव जीता था. 2013 में मात्र एक बार ही इस सीट पर बीजेपी के राजेन्द्र गुर्जर को जीत नसीब हुई थी. उप-चुनाव के लिए देवली-उनियारा सीट पर कांग्रेस और भाजपा ने कमेटी का गठन किया. कांग्रेस के कमेटी में हरीश मीणा सांसद, प्रशांत शर्मा विधायक, विकास चौधरी विधायक और हरि प्रसाद बैरवा जिला अध्यक्ष चार सदस्य हैं. बीजेपी ने राजेन्द्र राठौड़, हीरालाल नागर, जितेंद्र गोठवाल और ओमप्रकाश भड़ाना की चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. अब देखने वाली बात यह होगी कि उपचुनाव में बीजेपी इस सीट पर किस तरह से सचिन पायलट और हरीश मीणा की जोड़ी से पार पाती है. कैसे कांग्रेस की हैट्रिक रोक पाती है, या फिर एक बार कांग्रेस पायलट-मीणा की जोड़ी के सहारे देवली-उनियारा सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब होगी.