रुद्राक्ष अपहरण एवं हत्याकांड ... कोटा का एक ऐसा मामला, जिसने हर किसी को आंदोलित कर दिया था। मैंने 2014 से 2024 तक 10 साल इस पूरे मामले की शुरू से आज तक रिपोर्टिंग की है... आज सुबह सुबह मृतक रुद्राक्ष के पिता के फोन ने एक बार फिर भावुक कर दिया। हत्या की सजा काट रहे आरोपी अंकुर की कल सांगानेर जेल में मौत हो गई.. कनपटी पर गोली लगी। खुद ने मारी या दूसरे ने, इसकी जांच चल रही है। हालांकि, पुलिस और जानकर इसे सुसाइड करार ही दे रहे है, यह भी जल्द साफ हो जाएगा। अगर ऐसा है तो अंकुर के मन के किसी कोने में 10 साल बाद ही सही थोड़ा पछतावा तो हुआ है.. क्योंकि उसे जेल से सज धज कर और मुस्कुराते हुए निकलते तो बहुत सी बार देखा है, उस वक्त वो बेपरवाह लगता था। मानो उसे हत्या के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ा। जबकि उस वक्त पत्नी के गर्भ में उसका खुद का बच्चा जन्म लेने को था। पत्नी, परिवार के कई सदस्य ने उससे रिश्ते खत्म कर लिया थे। मुझे याद है वो समय जब मैं 3 दिन तक उसकी पत्नी और पिता का इंटरव्यू करने उसके घर गया और हर बाद मुझे डांट फटकार कर भगा दिया गया। हालांकि, बाद में सिर्फ मुझे ही उनका इंटरव्यू मिला और उनकी बात भी अखबार में रखी गई। खैर, लिखने को बहुत कुछ है। आज कोटा का एक अध्याय समाप्त हुआ