कोटा. जिले के सुल्तानपुर चिकित्सा विभाग में ब्लॉक स्तरीय मासिक समीक्षा बैठक उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर घनश्याम मीणा की अध्यक्षता में हुई।बीसीएमओ डॉ. राजेश सामर ने बताया कि इस बैठक में सभी सीएचसी, पीएचसी और उपस्वास्थ्य केंद्रों की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की गई। साथ ही मौसमी बीमारियों को लेकर विशेष कार्ययोजना बनाकर अलर्ट रहने के लिए कहा है। बैठक में आरसीएचओ डॉ. रमेश कारगवाल ने इस बात पर जोर दिया कि जिन चिकित्सा संस्थानों पर संस्थागत प्रसव नहीं हो रहे हैं, वहां डिलेवरी करवाने, पीसीटीएस का कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही मेडिसिन किट और बाढ़ राहत के लिए रेपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन करने, दवाइयों का पूर्ण स्टॉक रखने के निर्देश दिए गए। डीपीएम नरेंद्र वर्मा ने मिसिंग इम्युनाइजेशन, पीसीटीएस में पूर्ण रूप से एंट्री के लिए समस्त एएनएम और एलएचवी को निर्देश दिए गए कि इस कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एसएन मीना ने टीबी मुक्त अभियान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सीएचसी सुल्तानपुर में सीबीनाट मशीन चालू हो गई है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करवाने के लिए भेजे जाएं। बीसीएमओ डॉ. सामर ने बताया कि सभी चिकित्सा कार्मिकों को मीटिंग में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए दवा का स्टॉक रखने, चिकित्सा कार्मिकों को अलर्ट मोड पर रहने एवं सभी तैयारियां रखने के लिए पाबंद किया गया। बीपीएम राजेश चोकनीवाल एवं नर्सिंग ऑफिसर उमेश वर्मा ने इंडिगेटर के बारे में समझाते हुए एक सप्ताह में इंडिकेटर पूर्ण करने के लिए पाबंद किया। सुल्तानपुर. ब्लॉक की मासिक समीक्षा बैठक में मौजूद चिकित्सा कार्मिक। बीमारियों के मद्देनजर आईईसी कॉर्नर बनाने व डेंगू के लार्वा प्रदर्शन के निर्देश दिए साथ ही स्टॉप डायरिया अभियान को लेकर ओआरएस एवं जिंक वितरण की प्रभावी मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए। वहीं सभी चिकित्सा संस्थानों में आईईसी कॉर्नर बनाने एवं डेंगू का लार्वा प्रदर्शन करने के साथ ही मरीजों को इसके बारे विस्तार से बताने और आवश्यक सामग्री, दवाइयों की पूर्ण व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। साथ ही सभी मरीजों एवं आमजन को जागरूक करने के निर्देश दिए गए। इसके लिए ब्लॉक सुल्तानपुर में व्यापक रूप से आईईसी गतिविधियां करने, सभी सीएचसी, पीएचसी के प्रभारी चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, एएनएम, सीएचओ, आशाओं एवं अन्य चिकित्सा कार्मिकों को मौसमी बीमारियों को लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए। वहीं डॉ. सामर ने आने वाले समय में मौसमी बीमारियों से बचाव एवं उपचार में कोताही नहीं बरतने को लेकर मेडिकल टीमों को पाबंद किया।