कश्मीर। जम्मू-कश्मीर के डोडा में सोमवार रात को सुरक्षाबलों की आंतकियों के साथ मुठभेड़ हुई। इस बीच कैप्टन समेत चार जवान बलिदान हो गए।

लेकिन अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने अपने अदम्य साहस से दुश्मन के नाकों चने चबा दिए जवानों ने पूरे जोश और बहादुरी के साथ आतंकियों का सामना किया।

उन्होंने घने जंगलों और इलाकों की परवाह किए बगैर आतंकियों का पीछा किया और उनके खात्मे के लिए अंत तक अभियान से जुड़े रहे।

बृजेश थापा के नेतृत्व में चला तलाशी अभियान

मिली जानकारी के अनुसार, जवानों को करीब आठ बजे इनपुट मिला कि डोडा के अंतर्गत धारी गोटे उरारबागी के इलाकों में आंतकवादी हैं। सेना में कैप्टन बृजेश थापा के नेतृत्व में तलाशी अभियान चलाया। इस बीच आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी भी हुई।

उस दौरान आतंकियों ने भागने की कोशिश की, जवानों ने उनका पीछा जारी रखा। इसी बीच सोमवार रात करीब नौ बजे फिर मुठभेड़ शुरू हुई।

कश्मीर टाइगर्स संगठन ने ली जिम्मेदारी

इस हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नामक एक आतंकी संगठन ने ली है। इसी संगठन ने कठुआ आतंकी हमले की जिम्मेदारी भी ली थी।

मौजूदा समय में आतंकियों की तलाश के लिए सुरक्षाबल-चप्पे-चप्पे पर तैनात। ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद से जंगल खंगाले जा रहे हैं। ऐसी आशंका है कि जम्मू की पहाड़ी इलाकें में 50 से 60 आतंकी छिपे हो सकते हैं।

हेलीकॉप्टर और ड्रोन से खंगाले जा रहे जंगल

भारतीय सेना विदेशी आतंकियों को खत्म करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त अभियान चला रही है। जवान उधमपुर, डोडा, किश्तवाड़ और भद्रवाह क्षेत्रों और उसके बाद कश्मीर घाटी में घुसपैठ कर रहे हैं। कठुआ क्षेत्र में भी इसी तरह के ऑपरेशन लगातार किए जा रहे हैं।

मृत आतंकियों से बरामद भारी मात्रा में युद्ध सामग्री के विश्लेषण से सीमा पार से दुश्मन एजेंसियों का हाथ होने का पता चलता है। पीर पंजाल पर्वतमाला के उत्तर में कश्मीर क्षेत्र में इसी तरह की खुफिया जानकारी आधारित और क्षेत्र वर्चस्व अभियान जारी हैं।