द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति बन गई हैं। वह देश की दूसरी और आदिवासी समाज से पहली महिला हैं जो देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद तक पहुंची हैं। अब द्रौपदी मुर्मू का ठिकाना विशालकाय राष्ट्रपति भवन हो गया है, जहां से वह पूरे देश पर नजर रखेंगी।इस आर्टिकल में हम राष्ट्रपति भवन की भव्यता के बारे में बताने जा रहे हैं।

330 एकड़ में फैले में राष्ट्रपति भवन का निर्माण वर्ष 1912 से शुरू होकर 1929 में पूरा हुआ था, जिसमें 29 हजार मजदूरों के साथ बनकर तैयार होने में 17 साल लगे थे। राष्ट्रपति भवन की चार मंजिला इमारत में कुल 340 कमरे हैं जबकि इसका बगीचा 190 एकड़ में फैला हुआ है। बताया जाता है कि राष्ट्रपति भवन के निर्माण में लगभग 70 करोड़ ईंट, 30 लाख पत्थरों का उपयोग हुआ है और तब करीब 1 करोड़ 40 लाख रुपये का खर्च आया था। इसमें 340 कमरे के अलावा 37 सभागार, 74 बरामदे, 2 किचन और 37 फव्वारे बने हुए हैं। इतना ही नहीं, राष्ट्रपति भवन में कुल 38 दरवाजे हैं। 

राष्ट्रपति भवन सिर्फ राष्ट्रपति का ही नहीं, बल्कि 111 प्रजाति के पक्षियों का भी निवास स्थान है। राष्ट्रपति की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, एक वर्ष की अवधि में 111 प्रजाति की पक्षियों की तस्वीरें खींची गईं। प्रजातियों का विवरण, उनके देखे जाने की आवृत्ति के साथ-साथ उन्हें देखे गए स्थानों का विवरण एक पुस्तक में प्रकाशित किया गया था, जिसे प्रधानमंत्री द्वारा जारी भी किया गया था। बताया गया कि इसके बाद तीन और प्रजातियां पाई गईं।राष्ट्रपति भवन के सबसे खास हिस्सों में से एक दरबार हाल में 33 मीटर की ऊंचाई पर 2 टन का विशाल झालर लटका हुआ है। वहीं मार्बल हाल में किंग जॉर्ज पंचम और महारानी मेरी की प्रतिमाएं, पूर्व वायसरायों और गवर्नर जनरलों के चित्र है। इसी हाल में महारानी का इस्तेमाल किया गया चांदी का सिंहासन मौजूद है। बैंक्विट हॉल में पूर्व राष्ट्रपतियों के चित्र दीवारों पर लगे हुए हैं।