सड़क दुर्घटनाओं और उनमें होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए प्रदेश में 10 वर्षीय रोड सेफ्टी प्लान बनाया जा रहा है, जिसके प्रदेश में 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं को 50 फीसदी कम करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसा प्लान बनाने वाला देश का पहला राज्य होगा। इस रोड सेफ्टी प्लान में तकनीक और आंकड़ों का एक साथ इस्तेमाल होगा, जिससे सड़क दुर्घटनाओं के कारणों की पहचान की जाएगी और उसके अनुसार दुर्घटनाओं के कारणों का समाधान निकाला जाएगा।
सड़क दुर्घटना डेटाबेस (आईरेड)- आईरेड़ सॉफ्टवेयर के माध्यम से सड़क दुर्घटना के आंकड़े ऑनलाइन दर्ज किए जाएंगे, जिससे सड़क दुर्घटना के कारणों का पता चल सकेगा।
सड़क सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा और नियमों में व्यावहारिक बदलाव किया जाएगा।
इस प्लान से परिवहन, सार्वजनिक निर्माण, स्वास्थ्य और वन विभागों के बीच तालमेल में वृद्धि होगी। साथ ही ट्रैफिक सिग्नल से संबंधित प्रावधानों में सुधार होगा।