राजस्थान विधानसभा में सोमवार को शून्यकाल की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बजट की योजनाओं का मुद्दा उठाया, जिस पर खूब हंगामा हुआ. बात इतनी बढ़ गई कि जूली ने स्पीकर से सरकार को पाबंद करने की मांग कर दी, और फिर सदन में भी संविधान बचाओं के नारे गूंजने लगे. इस हंगामे के बीच जूली ने स्पीकर से पूछा कि वे बजट की योजनाओं को पास कराने के लिए मतदान क्यों नहीं करवा रहे हैं? यह हंगामा टीकाराम जूली के उस आरोप के बाद शुरू हुआ जिसमें उन्होंने प्रदेश की भजनलाल सरकार पर कांग्रेस के विधायकों की अनदेखी करने की बात कही. जूली ने कहा, 'नियम के अनुसार, सड़क कार्यों का बजट बनाने से पहले राज्य सरकार हर क्षेत्र के स्थानीय प्रतिनिधि से सुझाव मांगती है, और फिर जरूरत के अनुसार उन्हें बजट में शामिल करती है. मगर भजनलाल सरकार ने कांग्रेस विधायकों से कोई सुझाव नहीं मांगे. उनकी बजाय उसी क्षेत्र के हारे हुए बीजेपी प्रत्याशी से सुझाव लेकर बजट की योजनाएं बनाई गईं. ऐसी पहली बार हुआ है, और यह नियमों का उल्लंघन है. जूली ने कहा, 'विधानसभा का सबसे बड़ा सदस्य विधायक होता है, जिसे वहां की जनता चुनती है. लेकिन पहली बार विधायक की सलाह न लेकर एक हारे हुए प्रत्याशी की सलाह से सड़क निर्माण की बजट योजनाएं बनाई गई हैं. यह सरकार क्या एक हारे हुए नेता को जनप्रतिनिधि मानती है? ऐसा नहीं होना चाहिए था. इस सरकार को पाबंद कर देना चाहिए. मैं इस मामले में स्पीकर का संरक्षण चाहता हूं कि वे इस पर जवाब मांगे और इन योजनाओं को पास करने से पहले मतदान कराएं.' इस दौरान जूली ने सरकार से पूछा कि सरकार बजट योजनाओं पर मतदान कराने से क्यों डर रही है. स्पीकर साहब, आप मतदान क्यों नहीं करवा रहे हैं.