देश के सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में इस बार सबकी नजरें दलबदलुओं पर रही हैं. 13 सीटों में से ज्यादातर पर उन उम्मीदवारों को टिकट दिया गया, जिन्होंने किसी दल का साथ छोड़कर दूसरे दल में जाने को चुना. हालांकि, चुनावी नतीजे उनके पक्ष में नहीं रहे हैं. हिमाचल प्रदेश से लेकर पंजाब तक दल बदलने वाले नेताओं को उपचुनाव में कामयाबी नहीं मिल पाई है. बीजेपी ने सबसे ज्यादा दलबदलू नेताओं को टिकट दिया था. ऐसे में आइए जानते हैं कि उपचुनाव में दलबदलुओं का क्या हाल रहा है. पंजाब की बात करें तो यहां सिर्फ एक सीट पर चुनाव हुआ. जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को जीत मिली है. यहां से AAP के मोहिंदर भगत ने बीजेपी प्रत्याशी शीतल अंगुराल को 37325 हजार वोटों से हराया. शीतल अंगुराल इसी सीट से AAP विधायक थे और लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. बीजेपी ने उन्हें फिर से इस सीट से मैदान में उतारा. उधर बीजेपी छोड़कर AAP में आने वाले मोहिंदर भगत को यहां जीत मिली.हिमाचल प्रदेश में हुए उपचुनाव पर सबकी नजरें थीं, क्योंकि यहां पर दलबदलुओं को लेकर सबसे ज्यादा बयानबाजी की गई. यहां पर देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ सीट पर उपचुनाव हुए. होशियार सिंह देहरा से, आशीष शर्मा हमीरपुर से और केएल ठाकुर नालागढ़ से निर्दलीय विधायक थे. 22 मार्च को इन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दिया और जिसके बाद ये सीटें खाली हो गईं. तीनों ही नेता बाद में बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी ने तीनों को उपचुनाव में फिर से उनकी सीटों से उतारा.देहरा सीट पर होशियार सिंह को हार मिली है. उन्हें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी और कांग्रेस उम्मीदवार कमलेश ठाकुर ने हराया है. हमीरपुर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार आशीष शर्मा को जीत हासिल हुई है. वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस के डॉ पुष्पेंद्र वर्मा को करीबी मुकाबले में 1571 वोटों से हराया. उधर नालागढ़ सीट पर केएल ठाकुर को हार का मुंह देखना पड़ा. कांग्रेस के हरदीप सिंह बावा को यहां जीत मिली है. 

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