रामगंजमण्डी क्षेत्र के ढाणी मानपुरा गांव की एक महिला के साथ ठगी कर बैंक खाते से 3 लाख रुपए निकालने का मामला सामने आया है। जिसके चलते महिला हीरा बाई ने शहर के कोटा सैंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के कर्मचारियो और जिम्मेदार अधिकारियो पर चेक द्वारा रुपए निकालने का आरोप लगाया है। मामले में महिला ने मोड़क थाने में भी शिकायत दर्ज कराई है। जिसकी पुलिस जांच कर रही है। 

2 चैक में महिला के साइन से निकले रुपए जबकि महिला अंगूठा लगाती 

उपभोक्ता महिला हीराबाई ने बताया कि दी कोटा सैंट्रल कोऑपरेटिव बैंक की रामगंजमण्डी शाखा में सन 2016 में खाता खुलवाया था। करीब 8 साल पहले पति का देहांत हुआ था। जिनके क्लेम की 5 लाख रुपए की राशि बैंक खाते में जमा हुई थी। सन 2017 में करीब दो बार जरूरत अनुसार कुछ पैसे बैंक जाकर निकलवाए थे। इसके बाद तब से ही खाते में करीब 4 से साढ़े 4 लाख रुपए की राशि जमा थी। 8 जुलाई को पेसो की जरूरत के चलते बैंक पहुचीं थी। बैंक जाकर पासबुक में एंट्री करवाई और साथ गए भतीजे को दिखाया तो खाते से 3 लाख रुपए गायब मिले। जिसकी बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों को शिकायत की इसके बाद बैंक अधिकारियों ने चेक से पैसे निकलना बताया, जबकि महिला द्वारा किसी प्रकार की चेक बुक जारी नही करवाई गई है। वही महिला अशिक्षित होने के चलते अंगूठा लगाती है, जबकि बैंक में पैसे निकलवाने के लिए लगाए गए चैक पर महिला के हस्ताक्षर हो रहे है। ऐसे में सवाल बनता है कि जब बैंक में बैठे कैशियर को फ्रॉड व्यक्ति द्वारा चैक दिया गया तो क्या उसकी जांच नही की गई।

3 लाख रुपए निकले, पुलिस कर रही जाँच 

पीड़ित महिला ने बताया कि बैंक द्वारा खाते में 2 चेक लगने की जानकारी दी गई है। जिस पर अंगूठे के निशान नही है। केवल हस्ताक्षर हो रहे है। 70 हजार रुपए का एक चेक 8 अप्रैल को लगाया गया है, जबकि दूसरा चैक 1 लाख रुपए का भरकर 14 मई को बैंक में लगाया है। बाकी रुपए किसने निकाले यह बैंक का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी जानकारी नही दे रहा है। जब भी पूछते है एक ही जवाब होता है जांच कर रहे है। इसके चलते महिला ने मोड़क थाने में मामले की शिकायत दर्ज करवाई है। मोड़क एसएचओ योगेश शर्मा ने कहा शिकायत के आधार पर जाँच की जा रही है। 

एक्सपर्ट बोले - अंगूठे के जगह साइन वाले चैक पास किए, बैंक जिम्मेदार 

एक्सपर्ट की माने तो चेक को केश करने से पहले बैंक में बैठा कैशियर चेक पर अंकित खाता संख्या कम्प्यूटर में दर्ज करता है। इससे चैक जारी करने वाले उपभोक्ता की जानकारी और पूरा खाता कम्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देने लगता है। उसके खुलने के बाद चैक और खाते पर किए हस्ताक्षर का मिलान किया जाता है। महिला के अनुसार वो पड़ी लिखी नही है इसके चलते महिला अपने अंगूठे का इस्तेमाल करती है, जबकि फ्रॉड व्यक्ति द्वारा जो चेक जारी किया गया। उस पर महिला के अंगूठे के कही भी निशान अंकित नही है। ऐसे में कैशियर ने कैसे फ्रॉड व्यक्ति द्वारा दिए चैक को केश कर दिया।

बैंक मैनेजर स्पष्ट जावाब नहीं दे पाए 

मामले में सेन्ट्रल ओकॉपरेटिव बैंक मैनेजर हेमंत सिंह से जब फोन पर ऑन रिकॉर्ड पक्ष जानना चाहा। तों मैनेजर ने मामले में संतुष्ट पूर्ण जवाब नहीं देकर अनजान बनने की कोशिश कर फोन डिसकनेक्ट कर दिया।