नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में बिम्सटेक विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने कनेक्टिविटी, ऊर्जा, व्यापार, स्वास्थ्य, कृषि, विज्ञान, सुरक्षा और लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित विविध क्षेत्रों में क्षेत्रीय सहयोग को और मजबूत करने के लिए मंत्रियों के समूह के साथ उपयोगी चर्चा की। उन्होंने आर्थिक और सामाजिक विकास के इंजन के रूप में बिम्सटेक की भूमिका पर बल दिया।
थाईलैंड में होगा बिम्सटक
आगामी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन सितंबर में थाईलैंड में होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाईलैंड को पूर्ण समर्थन व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांतिपूर्ण, समृद्ध, सुरक्षित बिम्सटेक क्षेत्र के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' और लुक ईस्ट पॉलिसी के साथ-साथ क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और विकास के लिए अपने विजन सागर के महत्व पर प्रकाश डाला।
बिम्सटेक विदेश मंत्रियों से मिलकर खुशी हुई। कनेक्टिविटी, ऊर्जा, व्यापार, स्वास्थ्य, कृषि, विज्ञान, सुरक्षा और लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। सफल शिखर सम्मेलन के लिए थाईलैंड को पूरा समर्थन। नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री।
क्या है बिम्सटेक?
बिम्सटेक एक क्षेत्रीय संगठन हैं। सात देश इसके सदस्य हैं। बिम्सटेक का पूरा नाम 'बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन' है। बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती और नजदीक स्थित देश इस संगठन के सदस्य हैं। भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड बिम्सटेक का हिस्सा हैं। इस संगठन का उद्देश्य क्षेत्र में विकास और एक दूसरे को सहयोग प्रदान करना है।