आमतौर पर ज्यादातर सरकारी वेबसाइटों की भाषा और शैली औपचारिक होती है. वेबसाइट डिजाइनिंग में इंग्लिश, हिंदी सहित अन्य आधिकारिक भाषाओं का ही इस्तेमाल किया जाता है. जयपुर नगर निगम- ग्रेटर ने अपनी वेबसाइट पर हिंगलिश भाषा का इस्तेमाल किया है, जिसे आम लोग आसानी से समझकर वेबसाइट के जरिए शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. वेबसाइट के एक पेज का स्क्रीनशॉट इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जयपुर नगर निगम- ग्रेटर का वेबपेज अपने यूनिक अप्रोच के चलते खूब सुर्खियां बटोर रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर ने जयपुर नगर निगम- ग्रेटर की वेबसाइट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है, जिससे पता चलता है कि स्थानीय लोगों की भाषा को ध्यान में रखकर यूजर्स की सुविधा के लिए वेबसाइट की डिजाइनिंग अनौपचारिक अंदाज में की गई है. इंग्लिश या हिंदी जैसे औपचारिक भाषाओं का इस्तेमाल कर वेबसाइट डिजाइन करने के बजाए स्थानीय लोगों की सुविधा को तरजीह दी गई है. क्षेत्र में होने वाली समस्याओं की शिकायत दर्ज कराने के लिए नगर निगम की वेबसाइट पर आसानी से समझ में आने वाले ऑप्शन्स दिए गए हैं. वेबसाइट पर 'बंदर बहुत हो गए हैं' और 'कुत्ता पागल हो गया है पकड़वाना है' जैसे विकल्प आम बोलचाल की भाषा में पेश किया गया है. इन मजेदार ऑप्शन को देखकर सोशल मीडिया यूजर्स हंस-हंसकर लोटपोट हो रहे हैं. वायरल पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स अपनी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं. यूजर्स वेबसाइट डिजाइनिंग में औपचारिकता की जगह लोगों की सुविधा को तरजीह दिए जाने की खूब तारीफ कर रहे हैं. पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, "एक पोर्टल कैसा होना चाहिए यह उसका सबसे अच्छा उदाहरण है. यूजर्स के लिए तैयार किया गया, उपयोग में सरल और बिल्कुल सटीक. मैं जानता हूं कि जमीनी कार्यकर्ता के पास सभी मुद्दे की बिंदुवार जानकारी है, जिसे वह समझता है. कोई अंग्रेजी नहीं, कोई भ्रम नहीं." एक अन्य यूजर ने पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा, "क्या केवल मैं ही ऐसा सोचता हूं कि यह वास्तव में अच्छा है क्योंकि वे शिकायतों के बारे में ज्यादा स्पष्ट हो रहे हैं, जिससे इसे संभालना आसान हो जाएगा."