जनता का फूटा आक्रोश अस्पताल पर जड़ा ताला सरकार बदली नहीं बदला रिवाज

एसएचओ की समझाइश से खुला ताला 

नैनवा उप जिला चिकित्सालय में व्याप्त अव्यवस्थाओं के खिलाफ आखिर जनता का आक्रोश फूटा जनता ने विरोध प्रदर्शन करते हुए चिकित्सालय के मुख्य गेट पर ताला लगाया।सुबह 9 बजे मरीज चिकित्सालय उपचार करवाने गए लेकिन चिकित्सालय में एक भी चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं होने से आक्रोशित मरीजों व आमजन ने उपचार नहीं मिलने पर जनता ने अव्यवस्थाओं से त्रस्त होकर चिकित्सालय के मुख्य गेट पर ताला लगा कर धरना प्रदर्शन शुरू किया।लगातार तकरीबन 2 घंटे विरोध प्रदर्शन चला मगर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। तो वहीं दूसरी ओर जनहित की दुहाई देने वाले नेता भी जनता के विरोध प्रदर्शन से दूरी बनाते नजर आए। किसी भी पार्टी का कोई भी नेता आम जनता की आवाज बनने के लिए मौके पर नहीं पहुंचा। सूचना पर थाना अधिकारी महेंद्र कुमार यादव ने मय जाप्ता मौके पर पहुंच कर जनता समझाइश की। प्रदेश में सरकार बदली मगर नहीं बदले तो नैनवा उप जिला चिकित्सालय के हालात। पूर्व की सरकार में नैनवा क्षेत्र को ट्रॉमा सेंटर व उप जिला चिकित्सालय की सौगात मिली। मगर नहीं मिली तो सुविधा केवल कागजी विकास जनता के हाथ लगा। अव्यवस्थाओं का रिवाज बदस्तूर लगातार जारी रहा।जिसका खामियाजा आम जनता को लगातार उठाना पड़ रहा है। चुनाव के दौरान जनता के हितकारी बनने वाले राजनीतिक दलों के नेता आम जनता की समस्या को लेकर कन्ही भी नजर नहीं आए। जिसको लेकर भी आम जनता में आक्रोश दिखाई दिया।

आमजन से इस बारे में जानकारी करने पर जनता ने बताया कि नैनवा चिकित्सालय का विकास कागजों में तो जरूर हुआ। मगर धरातल पर अव्यवस्थाएं लगातार जारी हैं।आम जनता चिकित्सा व्यवस्थाओं से मेहरूम और परेशान है। साथ ही जनता ने विरोध प्रदर्शन के दौरान जनता ने डॉक्टर मुरारी लाल मीणा की बहाली की मांग की। 

थाना अधिकारी महेंद्र कुमार यादव , ने मय जाप्ता मौके पर पहुंच कर पीएमओ डा केके प्रजापति को मौके पर बुलाकर तीन दिन में चिकित्सक लगवाने का आश्वासन दिया जिसके बाद दो घंटे बाद ताला खुला । इधर प्रदर्शन की सूचना मिलने पर चिकित्सा के जिम्मेदार जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जजावर सीएचसी प्रभारी सुनील मीना को नैनवा अस्पताल में जाने के निर्देश जारी किए । जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश पर सुनील मीना ने मरीजों का उपचार शुरू किया ।

जैसा विदित है नैनवा उप जिला चिकित्सालय व ट्रॉमा सेंटर में 27 विशेषज्ञ, कनिष्ठ विशेषज्ञ व सामान्य चिकित्सकों के पद स्वीकृत है। मगर वर्तमान समय में चिकित्सालय मात्र दो चिकित्सकों के भरोसे संचालित हो रहा है। जबकि तकरीबन 200 से अधिक गांव की 3 लाख से ज्यादा की जनसंख्या को चिकित्सा सेवा प्रदान करने की जिम्मेदारी नैनवा उप जिला चिकित्सालय पर है। प्रतिदिन 500 से ऊपर रोगियों का आउटडोर होना सामान्य हैं। मगर चिकित्सकों की कमी के चलते आम जनता को समुचित चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही।अधिकांश मामलों को रेफर कर दिया जाता है।

पीएमओ का कहना = चिकित्सालय पीएमओ डॉ केके प्रजापति ने बताया की उप जिला चिकित्सालय में वर्तमान में 8पद भरे हुए हैं जिनमे से डा. पूर्वा, डा.नीतू सिंह डा.परितोष श्रंगी एसआरसीएफ ट्रेनिग में कोटा मेडिकल कालेज में गए हुए अतिरिक्त ब्लाक चिकित्सा अधिकारी डा एलपी नागर गंभीरा विभागीय कार्य से चले गए। डा दीक्षा शोक सीसीएल पर डा एसएल मीना , डा अंजली अवकाश पर हे । चिकित्सालय में चिकित्सक लगाने को लेकर उच्चाधिकारियों में लिखित में दिया जा चुका है।

तहसीलदार रामराय मीना भी सूचना मिलने पर चिकित्सालय पहुंचकर जानकारी ली । तहसीलदार ने बताया जिला कलक्टर को अवगत करवाकर नैनवा चिकित्सालय में चिकित्सक लगवाने के लिए लिखा जायेगा ।