राजस्थान के भजपा सरकार की पहली पूर्ण बजट पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया सामने आई है. गहलोत ने वित्त मंत्री दीया कुमारी द्वारा विधानसभा में पेश किए गए बजट पर कई सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार काम में नहीं सिर्फ पैकेजिंग में भरोसा करती है. गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने मिशन 2030 के तहत राजस्थान को नंबर 1 बनाने का लक्ष्य रखा था. मुझे आशा थी कि हमारी सरकार जाने के बाद भाजपा सरकार कम से कम राजस्थान की बेहतरी के लिए इस मिशन को ध्यान में रखकर काम करेगी और विकास की बेहतरीन योजनाएं लाएगी. आज राजस्थान सरकार द्वारा लाए गए बजट का शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा से कोई सरोकार नहीं लगता है. पूर्व सीएम ने आगे कहा कि हमारी सरकार द्वारा इन क्षेत्रों में चलाई गईं योजनाओं एवं किए गए कामों में कमी बजट के आंकड़ों में साफ दिखाई दे रही है. इस बजट से ना जनता को राहत मिली है और ना ही कोई विकास का रोडमैप बन रहा है. पिछले 10 साल से जैसा केन्द्र सरकार का बजट नीरस एवं दिशाहीन होता है वैसे ही आज राजस्थान सरकार का बजट भी नीरस और दिशाहीन आया है. गहलोत ने कहा, "जनता को उम्मीद थी कि मोदीजी की गारंटी के मुताबिक पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम की जाएंगी परन्तु ऐसा नहीं किया गया. बल्कि हमारी सरकार की महंगाई से राहत देने वाली योजनाओं जैसे 100 यूनिट फ्री बिजली, अन्नपूर्णा राशन किट, इन्दिरा रसोई, फ्री कृषि बिजली आदि के लिए कोई बजट आंवटन नहीं किया है यानी आने वाले दिनों में जनता को महंगाई का सामना करना पड़ेगा. बजट के दिन ही रोडवेज एसी बसों का किराया 10 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाकर सरकार ने अपना उद्देश्य जाहिर कर दिया है." चिरंजीवी योजना का जिक्र करते हुए गहलोत बोले- यह आश्चर्य की बात है कि 25 लाख रुपये राशि वाली चिरंजीवी बीमा योजना की जगह पर ये सरकार 5 लाख रुपये राशि की आयुष्मान भारत योजना को लागू करना चाहती है. चिरंजीवी योजना में राजस्थान का प्रत्येक परिवार कवर था पर आयुष्मान भारत में प्रदेश की 50% आबादी भी शामिल नहीं होगी. चिरंजीवी योजना में बड़ी संख्या में अस्पताल शामिल थे पर आयुष्मान योजना में अस्पतालों की संख्या बेहद कम है.