जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सोमवार को हुए आतंकी हमले में एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) समेत पांच जवान शहीद हो गए। इस मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व डीजीपी एस.पी. वैद ने बड़ा दावा किया है। डीजीपी वैद ने कहा, “यह दुखद घटना है। कठुआ क्षेत्र एक शांतिपूर्वक इलाका है। बिलावर माचेडी इलाके में घात लगाकर किए गए हमले में हमारे पांच जवान शहीद हो गए। वहां ऐसी घटना बहुत सालों बाद हुई है। जो भी आतंकी ग्रुप हैं, उन्हें जल्द से जल्द खत्म करने की जरूरत है इससे पहले कि वह कोई और नुकसान कर बैठे। उन्होंने कहा, “राजनेताओं के बयान बदलते रहते हैं। अच्छी बात है कि डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला पाकिस्तान को इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं। शांति का प्रवचन दे रहे हैं। पिछले दो तीन वर्षों से सोची समझी साजिश कर जम्मू रीजन को टारगेट किया जा रहा है। डीजीपी वैद ने कहा, पत्थरबाजी बंद हुई तो पाकिस्तान ने देखा कि जम्मू रीजन को डिस्टर्ब किया जाए। कश्मीर की तुलना में जम्मू में कनेक्टिविटी कम है और फोर्सेज को पहुंचने में ज्यादा समय लगता है। इस नीयत से जम्मू रीजन को टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा, “पाकिस्तान इस तरह की हरकत कर रहा है जिससे कि ये नैरेटिव फैले कि यहां हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है।जम्मू-कश्मीर में अभी भी आतंक पनप रहे हैं। हमने देखा कि पिछले डेढ़ से 2 सालों में राजौरी और पुंछ को टारगेट किया गया। पिछले काफी समय से कई घटनाएं हुई हैं और 40 से ज्यादा हमने जवान गवाए हैं। शिवखोड़ी की यात्रियों पर हमला, फिर डोडा, कठुआ, हीरानगर, बिलावर माचेडी। यहां सभी फॉरेन टेररिस्ट हैं, लोकल टेररिज्म जम्मू में नहीं है। जो अंदर आ चुके हैं, उन्हें जल्द से जल्द समाप्त करने की जरूरत है। पूर्व डीजीपी वैद ने कहा, “आर्मी और बीएसएफ के सीनियर ऑफिसर्स को घुसपैठ पर रोक लगानी चाहिए। आतंकी टनल के जरिए आ रहे हैं या फिर ड्रोन के जरिए हथियार पहुंचा रहे हैं। इन सब चीजों पर सुरक्षा एजेंसी को और भी सचेत रहना होगा। जो लोग अंदर बैठकर उनकी मदद कर रहे हैं, सभी पर नजर बनाए रखनी होगी।